एडवांस बुकिंग पर बिक जाता है हिमाचल का यह सेब, फल तैयार होने से पहले ही हो जाता है सौदा, जानिए खासियत

Himachal Apple हिमाचल प्रदेश को सेब राज्‍य के रूप में भी जाना जाता है। यहां सेब की 200 के करीब प्रजातियों की पैदावार होती है जो विभिन्‍न मंडियों में अच्‍छे भाव पर बिकते हैं। लेकिन एक सेब की प्रजाति ऐसी भी है जिसकी एडवांस बुकिंग हो जाती है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 06:15 AM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 09:54 AM (IST)
एडवांस बुकिंग पर बिक जाता है हिमाचल का यह सेब, फल तैयार होने से पहले ही हो जाता है सौदा, जानिए खासियत
हिमाचल प्रदेश को सेब राज्‍य के रूप में भी जाना जाता है।

शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Apple, हिमाचल प्रदेश को सेब राज्‍य के रूप में भी जाना जाता है। यहां सेब की 200 के करीब प्रजातियों की पैदावार होती है, जो विभिन्‍न मंडियों में अच्‍छे भाव पर बिकते हैं। लेकिन इन सब के बीच एक सेब की प्रजाति ऐसी भी है जिसकी एडवांस बुकिंग हो जाती है। जी हां हम बात कर रहे हैं किन्‍नौरी सेब की। पौधे पर जब सेब हलका सा आकार लेने लगता है, तभी इसकी बुकिंग हो जाती है। किन्‍नौरी सेब की डिमांड देश ही नहीं विदेश में भी है।

किन्नौरी सेब की अपनी ही मार्केट है। अक्टूबर में इसका सीजन शुरू होता है, लेकिन बुकिंग जून या जुलाई में ही हो जाती है। यह सेब बाजार में आने से पहले ही बिक जाता हैl लजीज और रस से भरे इस किन्‍नौरी सेब को टक्कर देने के लिए कई विदेशी किस्‍में मार्केट में आती हैं, लेकिन किन्‍नौरी सेब की मार्केट आज तक बरकरार है।

शिमला, मंडी और कुल्लू जिले का सेब सीजन खत्म होने के बाद अक्टूबर में किन्नौर के सेब की सप्लाई शुरू होती है। मार्केट में यह पहले से ही बुक होता है कि कौन सा आढ़ती इसे कितनी मात्रा में खरीदेगा। 30 से 40 लाख पेटी हर सीजन में किन्‍नौरी सेब की मार्केट में पहुंचती है।

एक पेटी की कीमत 3500 से 4000 के करीब रहती है। बाजार में भी खुला सेब 200 रुपये प्रति किलो से कम आम शहरी को भी नहीं मिलता है। लेकिन किन्‍नौरी सेब खाने की एक बार आदत लग जाए तो दूसरे सेब का स्वाद ही नहीं आता है। अपने आकार और रस के लिए जाने जाने वाला किन्‍नौरी सेब आज भी मार्केट पर पूरी तरह से राज कर रहा है, हालांकि जिस समय मेन बाजार पूरी तरह से सेब से भरा होता है। इसके बावजूद किन्‍नौरी सेब के अलग खरीदार हैं और इसकी मार्केट भी अलग ही है।

किन्‍नौर क्षेत्र की ऊंचाई काफी ज्‍यादा है। यहां मौसम काफी ठंडा रहता है व सेब के पौधों को पर्याप्‍त चिल्‍ड आवर्स मिल जाते हैं। इस कारण यहां पर उगाई जाने वाली किस्‍मों का आकार व स्‍वाद अच्‍छा होता है।

सीजन के कई महीने बाद भी ले सकते हैं स्वाद

किन्नौरी सेब एकमात्र ऐसा सेब है, जिसे सीजन के कई महीने बाद तक खाया जा सकता है। इसे कोल्‍ड स्‍टोर में भी रखने की जरूरत नहीं होती। तीन से चार महीने तक किन्‍नौर में घर पर आए मेहमानों को यह परोसा जाता है। इतने समय बाद भी इसमें रस और मिठास वही रहती है।

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