Himachal Teachers News: हिमाचल प्रदेश में 20 साल से देय सेवा लाभों की प्रतीक्षा कर रहे 224 टीजीटी
Himachal Teachers News शिक्षा विभाग में कार्यरत प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक यानी टीजीटी 20 साल से देय सेवा लाभ की प्रतीक्षा कर रहे हैं। 224 टीजीटी कला ऐसे हैं जिनकी भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2002 में शुरू हुई थी मगर इनकी नियुक्ति वर्ष 2010 में हुई।
शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Teachers News, शिक्षा विभाग में कार्यरत प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक यानी टीजीटी 20 साल से देय सेवा लाभ की प्रतीक्षा कर रहे हैं। 224 टीजीटी कला ऐसे हैं, जिनकी भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2002 में शुरू हुई थी, मगर इनकी नियुक्ति वर्ष 2010 में हुई। यह भर्ती हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड हमीरपुर ने वर्ष 2002 में भाजपा सरकार के समय शुरू की थी। चयन बोर्ड ने टीजीटी कला के 224 पदों की लिखित भर्ती का परिणाम बनाया, मगर साक्षात्कार लेने से पहले चुनाव आचार संहिता लग गई, जिसके चलते भर्ती प्रक्रिया को रोकना पड़ा था। सत्ता बदलते ही टीजीटी मेडिकल और नान मेडिकल भर्ती में धांधली के आरोप लगे और इसकी विजिलेंस जांच बैठा दी गई।
हालांकि टीजीटी कला की भर्ती में कोई आरोप न होने पर भी नियुक्तियां 2003 में नहीं की गईं। उस समय नियुक्ति पर नियमित सेवा, जीपीएफ और पुरानी पेंशन स्कीम के लाभ इन शिक्षकों को सीधे मिल जाने थे। विजिलेंस जांच में छह साल बिताने के बाद सत्ता फिर से बदली। 2010 में विधि विभाग की राय पर यह भर्ती रद कर दी गई। पीडि़त टीजीटी कला शिक्षक हाईकोर्ट गए और कोर्ट ने तीन अगस्त, 2010 को इस मामले में फैसला दिया कि 224 टीजीटी कला को नियुक्ति दे दी जाए, क्योंकि इनका लिखित परीक्षा परिणाम वर्ष 2002 में तैयार था व विजिलेंस ने टीजीटी कला और नान मेडिकल भर्ती में कोई भी कोई गड़बड़ी न होने की रिपोर्ट वर्ष 2008 में दी थी, जिन टीजीटी मेडिकल व नान मेडिकल पर विजिलेंस जांच थी, उनको तो वर्ष 2008-09 में नियुक्ति मिली थी। लेकिन बेदाग भर्ती वाले टीजीटी कला को वर्ष 2011-12 में अनुबंध पर नियुक्ति देकर 2016 को नियमित किया गया।
राजकीय टीजीटी कला संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कौशल और प्रदेश महासचिव विजय हीर ने कहा कि शिक्षा विभाग ने बाद में कोर्ट के निर्णय अनुसार इन शिक्षकों को वर्ष 2011 से वरिष्ठता देकर नियमित नियुक्ति सेवालाभ से दिए, मगर आर्थिक लाभ एरियर 2011-16 के लिए अभी तक अधिकांश शिक्षकों को नहीं मिला है। हीर ने बताया कि संघ ने यह मामला हाई पावर कमेटी को भेजा है, ताकि इस मामले में कार्रवाई की जा सके।