सचिवालय कर्मचारी संघ ने जेओए भर्ती का पर जताया कड़ा विरोध, मुख्यमंत्री से मिले संघ के प्रतिनिधि

Himachal Secretariat Employees Association हिमाचल प्रदेश सचिवालय में अब बाबू (क्लर्क) की जगह जूनियर आफिस असिस्टेंट (जेओए) नियुक्त होंगे। लेकिन पहले की सरकार का एक सौ पद भरने का फैसला लागू हो विरोध होना आरंभ हो गया है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 07:57 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 07:57 AM (IST)
सचिवालय कर्मचारी संघ ने जेओए भर्ती का पर जताया कड़ा विरोध, मुख्यमंत्री से मिले संघ के प्रतिनिधि
क्लर्क की जेओए नियुक्त का विरोध होना आरंभ हो गया है।

शिमला, राज्य ब्यूरो। Secretariat Employees Association, हिमाचल प्रदेश सचिवालय में अब बाबू (क्लर्क) की जगह जूनियर आफिस असिस्टेंट (जेओए) नियुक्त होंगे। लेकिन पहले की सरकार का एक सौ पद भरने का फैसला लागू हो, विरोध होना आरंभ हो गया है। इस संबंध में राज्य सचिवालय सेवा कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने अध्यक्ष संजीव शर्मा और महासचिव कमल कृष्ण शर्मा के नेतृत्व में मंगलवार को शिमला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात की। उन्होंने जेओए आइटी के एक सौ पद सृजित करने के फैसले का विरोध किया।

संघ के अध्यक्ष संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि पूरे देश में सचिवालय में कहीं भी व्यवस्था नहीं है। इन पदों पर शैक्षणिक योग्यता दस जमा दो रखी है। जबकि बाबू की स्नातक है। अगर नई भर्ती जेओए के जरिये होगी तो उससे चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को बीस फीसद बाबू बनने का कोटा नहीं मिल पाएगा। वे पदोन्नति से वंचित रहेंगे। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी।

सीक्रेसी होगी लीक

संघ पदधिकारियों ने चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को आउटसोर्स आधार पर भर्ती करने का भी विरोध जताया। उन्होंने आशंका जताई कि इससे कार्यालय की अहम फाइलों की सीक्रेसी लीक हो सकती है।

अनुबंध कार्यकाल करें दो साल

संघ ने सरकार के मुखिया से आग्रह किया कि अनुबंध आधार पर सचिवालय मेें नियुक्तियां नहीं होनी चाहिए, यहां नियमित आधार पर ही भर्ती हो। उन्होंने अनुबंध कार्यकाल को तीन से दो साल करने की मांग उठाई।

सचिवालय में आउटसोर्स कर्मियों को नहीं संभालने दिया काम

शिमला। राज्य सचिवालय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ ने आउटसोर्स आधार पर कर्मचारियों की नियुक्तियां करने का विरोध किया है। इस संघ में राजभवन, लोकायुक्त, लोक सेवा आयोग के चतुर्थ श्रेणी कर्मी भी शामिल हैं। संघ ने सचिवालय में 12 आउटसोर्स कर्मियों को कामकाज नहीं संभालने दिया। इसके विरोध में मंगलवार दोपहर डेढ़ बजे से दो बजे तक गेट मीटिंग की। बुधवार को भी विरोध जारी रहेगा। वीरवार से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर जाएंगे। इसके लिए एक दिन पहले सरकार को नोटिस थमाएंगे। संघ के प्रधान टेकराम ने कहा कि सरकार ने सचिवालय में पहली बार चतुर्थ श्रेणी के पदों को भी आउटसोर्स आधार पर भरने का फैसला लिया है।

उन्होंने कहा कि 30 पदों को सृजित किया है। इसमें से 12 लोगों की नियुक्ति की है, लेकिन अभी इन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा है। आउटसोस कंपनी इन्हें  प्रतिमाह तीन से दस हजार रुपये देगी, जबकि सरकार से 10 हजार रुपये लिए जाएंगे। प्रधान ने कहा कि ठेका प्रथा से शोषण को बढ़ावा मिलेगा। इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि वह अपना फैसला बदलें, उन्होंने भर्ती को लेकर अफसरशाही पर भी तीखे प्रहार किए। ठेका प्रथा कर्मचारियों को कतई मंजूर नहीं है, बेशक इसके लिए उन्हें कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़ी। इससे पहले भी संघ ऐसी भर्ती पर विरोध प्रदर्शन कर चुका है। तब इसकी कसरत ही चल रही थी।

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