हिमाचल पथ परिवहन निगम को दो महीने में 100 करोड़ रुपये का नुकसान

Himachal Road Transport Corporation कोरोना काल के दो माह में हिमाचल पथ परिवहन निगम को 100 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है। संक्रमण की पहली लहर के दौरान भी निगम को 156 करोड़ का घाटा झेलना पड़ा था।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Sat, 05 Jun 2021 11:18 AM (IST) Updated:Sat, 05 Jun 2021 01:44 PM (IST)
हिमाचल पथ परिवहन निगम को दो महीने में 100 करोड़ रुपये का नुकसान
कोरोना काल के दो माह में हिमाचल पथ परिवहन निगम को 100 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है।

शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Road Transport Corporation, कोरोना काल के दो माह में हिमाचल पथ परिवहन निगम को 100 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है। संक्रमण की पहली लहर के दौरान भी निगम को 156 करोड़ का घाटा झेलना पड़ा था। निगम शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत बच्चों, शिक्षकों, सरकारी कर्मचारियों व कई अन्य श्रेणियों को पास की सुविधा पर करोड़ों की रियायतें देता है। यह रियायतें करीब 400 करोड़ रुपये की हैं और सरकार से इसकी एवज में 250 करोड़ मिलते हैं। पिछले साल निगम को 156 करोड़ का घाटा हुआ। सरकार ने निगम की आर्थिकी को पटरी पर लाने के लिए 239 करोड़ की विशेष मदद की।

परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर ने बताया कि निगम कर्मियों के चिकित्सा प्रतिपूरक बिलों के भुगतान के आदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कर दिए हैं। मुख्यमंत्री ने निगम को सरकार से मिलने वाली मदद में भी बढ़ोतरी को कहा है। सरकार की मदद से निगम की स्थिति मेंं सुधार आएगा।

जायका के तहत सात साल में खर्च होंगे 1013 करोड़

प्रदेश में जायका के तहत सात साल के दौरान प्रदेश के सभी जिलों में 1013 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। कृषि विभाग और कृषि विपणन बोर्ड के तहत किए जा रहे कार्यों की सचिव कृषि अजय कुमार शर्मा ने समीक्षा बैठक की। इसके लिए कृषि निदेशालय का दौरा किया। कृषि विभाग के निदेशक नरेश ठाकुर सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत चल रहे कार्यों की जानकारी ली। कोरोना काल में 50 हजार किसानों को इससे जोड़ा जाना है।

नरेश ठाकुर ने बताया कि इस बार एपीएमसी के तहत चल रहे गेहूं खरीद केंद्रों में 109055.35 क्विंटल गेहूं अभी तक खरीदा जा चुका है। किसानों से इस वर्ष सरकार की ओर से निर्धारित न्यूनतम मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं खरीद की गई। इसकी राशि किसानों के खातों में सीधे डाली जा रही है।

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