Himachal Weather Update: हिमाचल में 2016 के बाद सामान्य से 94 फीसद कम हुई बारिश
Himachal weather update देवभूमि हिमाचल का किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए है कि कब बारिश हो और फसलों की बिजाई कर सके। प्रदेश में वर्ष 2016 जैसी ही स्थिति पैदा हो गई है कि नवंबर में बारिश ही नहीं हुई।
शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। देवभूमि हिमाचल का किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए है कि कब बारिश हो और फसलों की बिजाई कर सके। प्रदेश में वर्ष 2016 जैसी ही स्थिति पैदा हो गई है कि नवंबर में बारिश ही नहीं हुई। इस वर्ष नवंबर में चंबा में 3.7 मिलीमीटर और बिलासपुर में एक मिलीमीटर, जबकि अन्य जिलों में एक मिलीमीटर से भी कम बारिश हुई। यह कहा जा सकता है कि नवंबर में बारिश ही नहीं हुई है। इस माह सामान्य तौर पर 19.2 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी, जबकि केवल 1.1 मिलीमीटर वर्षा हुई है।
प्रदेश के विभिन्न जिलों में नवंबर के दौरान सामान्य से 87 से 100 फीसद तक कम बारिश दर्ज की गई है। इसका प्रभाव कृषि फसलों और फलदार पौधों पर भी हुआ है। इसके कारण किसानों और बागवानों की चिंता बढ़ गई है। प्रदेश में केवल 30 फीसद ही सिंचित क्षेत्र के तहत आता है, जबकि बाकी 70 फीसद पूरी तरह से बारिश पर ही निर्भर है।
शुष्क ठंड के कारण बढ़े मरीज
लगातार सूखी ठंड के कारण इन दिनों अस्पतालों में जुकाम-बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। सुबह और शाम का तापमान बहुत कम हो रहा है, जबकि दिन में गर्मी पड़ रही है। तापमान में इस बदलाव के आधार पर कपड़े पहनें और ठंड से बचाव रखें। -डा. प्रेम मच्छान, एसोसिएट प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग।
इस वर्ष नवंबर में 1.1 मिलीमीटर ही वर्षा हुई है। नवंबर सूखा ही रहा है और दिसंबर कर शुरुआत बर्फबारी व बारिश से होगी, जिससे कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। -सुरेंद्र पाल, निदेशक मौसम विभाग।
मशीनरी तैनात करने का निर्देश, सड़क किनारे डालनी होगी रेत व मिट्टी
हिमपात से निपटने के लिए सरकार ने निर्देश जारी किए हैं। खासकर सड़क किनारे कोहरा जमने से वाहन फिसलने से रोकने के लिए रेत और मिट्टी डालने को कहा गया है। रविवार को शिमला के फागू क्षेत्र में कई वाहनों की फिसलने से टक्कर हो गई थी। ऐसे हादसे की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा गया है।
सरकार ने लोक निर्माण विभाग को हिमपात वाले क्षेत्रों में मशीनरी तैनात रखने को कहा है, ताकि सड़कों को बहाल रखा जा सके। विभाग के पास अपनी बहुत कम मशीनरी है, इसलिए बर्फ हटाने के लिए निजी मशीनरी भी हायर करने को कह दिया है। इसी तरह सड़कों पर पड़े गड्ढों को जल्द भरने का भी निर्देश दिया है।