आज वट सावित्री व्रत मना रही महिलाएं, यमराज से पति के प्राण वापस लाई थी देवी सावित्री, जानिए मान्‍यता

Vat Savitri Vrat महिलाएं वट सावित्री व्रत को आज विधिवत रूप से मना रही हैं। सावित्री व्रत इस बार कोरोना महामारी के कारण सामूहिक रूप से आयोजित नहीं हो सकेगा न ही सामूहिक रूप से कथा श्रवण हो सकेगा।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 08:37 AM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 08:37 AM (IST)
आज वट सावित्री व्रत मना रही महिलाएं, यमराज से पति के प्राण वापस लाई थी देवी सावित्री, जानिए मान्‍यता
महिलाएं वट सावित्री व्रत को आज विधिवत रूप से मना रही हैं।

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। Vat Savitri Vrat, महिलाएं वट सावित्री व्रत को आज विधिवत रूप से मना रही हैं। सावित्री व्रत इस बार कोरोना महामारी के कारण सामूहिक रूप से आयोजित नहीं हो सकेगा न ही सामूहिक रूप से कथा श्रवण हो सकेगा। ऐसे में कोविड कर्प्यू के कारण महिलाएं अपने अपने घरों में यह व्रत करेंगी। सावित्री व्रत, अपने पति के प्राण यमराज से वापस लेने वाली देवी सावित्री के भारतीय संस्कृति में संकल्प और साहस का प्रतीक है। हर वर्ष महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र व सुखी दांपत्य जीवन के लिए पूजा अर्चना करती हैं। इस दिन वट की पूजा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि बरगद के पेड़ में देवी देवताओं का वास होता है। इस वृक्ष की आयु लंबी होती है, इसलिए महिलाएं इस वृक्ष के सामान अपने दांपत्य जीवन में सुख मांगती हैं।

महिलाएं वट सावित्री व्रत के पूजन के लिए सावित्री व सत्यवान की मूर्तियां बनाती हैं, धूप, दीप, घी, बांस का पंखा, सुहाग का सामान, कच्चा सूत, चना, बरगद का फल, जल से भरा कलश आदि पूजा में प्रयोग करती हैं। इस व्रत के लिए सुबह नित्य काम से निवृत्त होकर स्नान करना चाहिए और उसके बाद पवित्र जल पूरे घर में छिड़काव करें।

ब्रह्मा की मूर्ति की स्थापना बांस की टोकरी में करनी चाहिए। इसके बाद सावित्री व सत्यवान की मूर्तियों की स्थापना दूसरी टोकरी में करनी चाहिए। दोनों टोकरियों को वट वृक्ष के पास ले जाकर रखकर पूजा करनी चाहिए। पूजा में बड़ की जड़ को पानी देने के साथ-साथ, पूजा में जल, मौली, रोली, कच्चा सूत, भियोगा चना, फूल व धूप का प्रयोग करना चाहिए।

वटवृक्ष के तने पर कच्चा धागा लपेटकर तीन बार परिक्रमा करें। इस दिन महिलाएं सावित्री व्रत कथा भी सुनती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को किया जाता है। आज होने वाले इस व्रत में महिलाएं वट वृक्ष की पूजा अर्चना करेंगी।

कोरोना काल में सामूहिक तौर पर नहीं होंगे आयोजन

सावित्री व्रत के लिए अकसर महिलाएं सामूहिक तौर पर आयोजन करती हैं। लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण कोविड-19 कर्फ्यू के चलते महिलाएं सामूहिक रूप से आयोजन नहीं कर सकेंगी। अपने अपने घरों में व्रत करेंगी व नजदीकी वटवृक्ष की पूजा करेंगी, लेकिन कोई भी आयोजन सामूहिक व भीड़ भाड़ वाला नहीं होगा।

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