हिमाचल प्रदेश में टीकाकरण की राह में बड़ी उपलब्धि, पटरी पर लौट रही उपलब्धि
महामारी पर एकजुटता से ही काबू पाया जा सकता है। 6 महामारी कोविड-19 ने सभी को परेशान कर रखा है। विश्वभर में हर तरह की गतिविधियां भी प्रभावित हो गईं। लाखों लोगों की इससे मौत हो गई और करोड़ों लोग अस्पतालों में भर्ती रहे। अब सभी गतिविधियां पटरी पर लौटी।
कांगड़ा, ब्यूरो। महामारी पर एकजुटता से ही काबू पाया जा सकता है। वैश्विक महामारी कोविड-19 ने सभी को परेशान कर रखा है। विश्वभर में हर तरह की गतिविधियां भी प्रभावित हो गईं। लाखों लोगों की इससे मौत हो गई और करोड़ों लोग अस्पतालों में भर्ती रहे। अब सभी गतिविधियां पटरी पर लौट रही हैं, लेकिन अभी इसका खतरा टला नहीं है। अब भी इसकी और और लहर के आने की आशंका भी जताई जा रही है। भारत में भी महामारी ने खूब कहर ढाया है। इससे बचाव के लिए लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। इसके लिए दो बार वैक्सीनेशन करवाया जाना अनिवार्य है।
हिमाचल प्रदेश में भी टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। राज्य में 18 साल से अधिक आयु के तय लक्ष्य से अधिक लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है। नवंबर के अंत तक सभी लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज दिए जाने का लक्ष्य तय किया गया है। इस सबके बीच जनजातीय जिले किन्नौर ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। किन्नौर देश का पहला जिला बन गया है, जहां पर शत-प्रतिशत लोगों को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज दी जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग ने जिला में 60,305 लोगों को कोविड प्रतिरोधी टीका लगाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन इसे हासिल किया जाना भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं था।
स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने विकट परिस्थितियों में योजना बनाकर लक्ष्य हासिल किया। इसमें लोगों के साथ जिला प्रशासन व पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों की सहभागिता भी रही है। पंचायत प्रतिनिधि समय-समय पर लोगों को टीकाकरण के प्रति जागरूक करते रहे। इसके लिए लोगों को घरों में जाकर भी प्रेरित किया गया। यह सही है कि शुरुआत में लोगों में वैक्सीन के प्रति भय था, लेकिन जब उन्हें इसके बारे में जानकारी दी गई तो लोग भी टीकाकरण के लिए आगे आए। उपायुक्त ने भी इसके लिए स्वास्थ्य कर्मचारियों व इस मुहिम में जुटे सभी लोगों को बधाई दी है। वैक्सीन की पहली डोज देने में हिमाचल पहले ही अग्रणी रहा है। दूसरी डोज भी तय समय पर सभी पात्रों को लगा दी जाएगी। किन्नौर की इस उपलब्धि से सभी को सीख भी मिलती है कि एकजुटता से बड़ी से बड़ी समस्या को हल किया जा सकता है।