सीमा पर जवानों से मिलेंगे डीजीपी, माइनिंग पोस्ट स्थापित होंगी; कोरोना संकट में पुलिस की अहम जिम्मेदारी

DGP Sanjay Kundu हिमाचल प्रदेश के नवनियुक्त पलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय कुंडू ने स्पष्ट किया है कि मैं ऑफिस में बैठकर निर्देश देने वाला अधिकारी नहीं हूं।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 08:47 AM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 08:47 AM (IST)
सीमा पर जवानों से मिलेंगे डीजीपी, माइनिंग पोस्ट स्थापित होंगी; कोरोना संकट में पुलिस की अहम जिम्मेदारी
सीमा पर जवानों से मिलेंगे डीजीपी, माइनिंग पोस्ट स्थापित होंगी; कोरोना संकट में पुलिस की अहम जिम्मेदारी

शिमला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश के नवनियुक्त पलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय कुंडू ने स्पष्ट किया है कि मैं ऑफिस में बैठकर निर्देश देने वाला अधिकारी नहीं हूं। अधिकांश फील्ड जॉब की है। ऐसे में सीमा पर ड्यूटी दे रहे पुलिस जवानों से मिलूंगा और उनकी मुश्किलें हल होंगी। अब कागज पर लिखकर आदेश नहीं होंगे। प्रत्येक अधिकारी व जवान को जमीन पर जिम्मेदारियों के मुताबिक काम करना पड़ेगा। इसके लिए एसपी, डीएसपी व पुलिस जवान को नए तौर तरीके से काम करना होगा।

'दैनिक जागरणÓ से बातचीत में कुंडू ने कहा कि कोविड-19 से राज्य को बाहर निकालने में पुलिस की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। अब तक पुलिस ने पूरी कुशलता से राज्य के हर क्षेत्र में सेवाएं दी हैं। लेकिन, अब अंतरराज्यीय गतिविधियां शुरू होने पर प्रदेश को कोरोना से बचाने व आर्थिक गतिविधियों को पूरी क्षमता पर चलाने में पुलिस का सहयोग आवश्यक होगा।

उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध खनन रोकने में पुलिस को नई रणनीति का सहारा लेना पड़ेगा। अवैध खनन रोकना हमारी प्राथमिकताओं में शामिल रहेगा। इसके लिए दूूसरे राज्यों के साथ लगते क्षेत्रों में दस माइङ्क्षनग पोस्ट स्थापित होंगी। ऐसा करने से पर्यावरण संरक्षण होगा। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध को रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

कोठखाई मामले के दौरान पुलिस थाना जलाया गया था। इस दौरान जनता का पुलिस पर भरोसा नहीं रहा था। लोग पुलिस पर संदेह करते थे। प्रयास रहेगा कि जनता के साथ पुलिस का रिश्ता दोस्ताना स्थापित किया जाएगा। पुलिस हर स्थिति में विवेक के साथ काम करेगी। पुलिस को और अधिक  प्रोफेशनल बनाया जाएगा। इसके लिए अगले तीन से चार दशक तक के लिए योजना तैयार की जाएगी।

पुलिस को जांच कार्य में और अधिक दक्ष बनाने के लिए निरंतर प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्हें आधुनिक वाहनों से लैस किया जाएगा। फॉरेंसिक साइंस की समझ पैदा की जाएगी। आपराधिक मामलों की वैज्ञानिक आधार पर जांच होगी। जनता का भरोसा और जीता जाएगा। सजा की दर में इजाफा करने के हरसंभव प्रयास होंगे।

सीमावर्ती जिलों में तेजतर्रार अफसर तैनात होंगे

उन्होंने बताया कि रविवार को छुट्टी वाले दिन शिमला स्थित ओकओवर में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात के दौरान तय हुआ कि प्रदेश के सीमावर्ती पांच जिलों कांगड़ा, ऊना, बिलासपुर, सोलन व सिरमौर में शीघ्र ही अधिक दक्ष एवं तेजतर्रार एसपी व डीएसपी लगाए जाएंगे।

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