जम्‍मू कश्‍मीर में बारूदी सुरंग फटने से हिमाचल का 27 वर्षीय जवान शहीद, अक्‍टूबर में होनी थी शादी

Himachal Soldier Martyr जम्‍मू कश्‍मीर के पुंछ इलाके में माइन ब्‍लास्‍ट में हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला का 27 वर्षीय जवान शहीद हो गया है। कमल देव वैद्य हमीरपुर जिला की भोरंज तहसील के घुमारवीं गांव का रहने वाला था।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 11:03 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 01:58 PM (IST)
जम्‍मू कश्‍मीर में बारूदी सुरंग फटने से हिमाचल का 27 वर्षीय जवान शहीद, अक्‍टूबर में होनी थी शादी
जवान बेटे की शहादत की खबर सुनकर विलाप करती मां और इनसेट में कमल देव वैद्य।

हमीरपुर, जेएनएन। Himachal Soldier Martyr, जम्‍मू कश्‍मीर के पुंछ इलाके में माइन ब्‍लास्‍ट में हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला का 27 वर्षीय जवान शहीद हो गया है। कमल देव वैद्य हमीरपुर जिला की भोरंज तहसील के घुमारवीं गांव का रहने वाला था। सेना के अधिकारियों से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार माइन ब्‍लास्‍ट के दौरान जवान बुरी तरह से घायल हो गया था, जिसे तुरंत अस्‍पताल पहुंचाया गया। लेकिन उसका निधन हो गया। कमल देव पुंछ जिला के कृष्‍णा घाटी सेक्‍टर में गश्‍त के दौरान सुरंग में हुए धमाके की चपेट में आ गया। सेना के अधिकारियों ने शहीद की मां वनीता देवी को इस संबंध में सूचना दी। सेना के अधिकारियों ने बताया कि सिपाही कमल देव वैद्य बेहद बहादुर और अनुशासित जवान था, जिसे सेना ने खो दिया। कमल देव की बीते दिनों सगाई हुई थी व अक्‍टूबर में शादी तय की गई थी। जवान बेटे की शहादत की खबर सुनकर मां रो रोकर बेहाल है, तो भाई बेसुध है।

कमलदेव वर्ष 2015 में हमीरपुर में 15 डोगरा में भर्ती हुए थे। पहली से दसवीं की पढ़ाई लुद्दर महादेव स्कूल में हुई, जबकि जमा दो तक की पढ़ाई सीनियर सेकेंडरी स्कूल भोरंज में हुई। कालेज में दाखिला लिया था, लेकिन इस दौरान वह सेना भी भर्ती हो गए थे।

शहीद कमल देव के पिता मदन लाल दिहाड़ी मजदूरी करते हैं तथा माता वनीता देवी गृहणी हैं। 32 वर्षीय बड़े भाई देवेंद्र कुमार ने होटल मैनेजमेंट डिप्लोमा किया है तथा घर पर ही है। दो बहनें इंदूबाला व शशिवाल हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। शहीद कमलदेव को गाने का भी काफी शौक था व वह अकसर कार्यक्रमों में माहौल खुशनुमा बना देते थे।

शहीद की पार्थिव देह आज शाम साढ़े तीन बजे हेलिकाप्‍टन के माध्‍यम से आइआइटी हमीरपुर के मैदान में पहुंचेंगी। इसके बाद कुछ देर में घर में रखने के बाद साढ़े चार बजे के करीब शहीद का अंतिम संस्‍कार कर दिया जाएगा।

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