पठानकोट मंडी के भू -अधिग्रहण की परियोजना जब 2020-21 में शुरू हो रही तो जमीन अधिग्रहण के लिए पुराने रेट क्यों
हिमाचल मानव अधिकार लोक बॉडी की बैठक प्रांत अध्यक्ष राजेश पठानिया की अध्यक्षता में नूरपुर क्षेत्र के नागणी गांव में हुई। जिसमें बहुचर्चित हिमाचल की परियोजना पठानकोट मंडी के भू अधिग्रहण संबंधित आ रही समस्याओं बारे विस्तार से चर्चा हुई।
जसूर, संवाद सहयोगी। हिमाचल मानव अधिकार लोकल बॉडी की बैठक प्रांत अध्यक्ष राजेश पठानिया की अध्यक्षता में नूरपुर क्षेत्र के नागणी गांव में हुई। जिसमें बहुचर्चित हिमाचल की परियोजना पठानकोट मंडी के भू अधिग्रहण संबंधित आ रही समस्याओं बारे विस्तार से चर्चा हुई। सरकार ने जो मार्च महीने में पहला अवार्ड निकाला था।
जिससे कि लोगों को पता चला कि उनकी जमीन के दाम कौड़ियों में लगाए गए हैं। उस विषय पर लोक बॉडी ने प्रधानमंत्री व केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री एवं मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश को एसडीएम के माध्यम से एक ज्ञापन दिया था और उसमें 11 प्रश्न पूछे गए थे। उसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से हमें लगातार पत्र प्राप्त होते रहे हैं और पिछले कल हमें एनएचएआइ द्वारा पत्र प्राप्त हुआ है। जिसकी प्रतिलिपि मुख्य सचिव पीडब्ल्यूडी हिमाचल प्रदेश को भी भेजी गई है। जिसमें एनएचएआइ ने शिकायतों का क्रम से उत्तर दिया है और उसमें एनएचएआइ ने स्पष्ट तौर पर लिखित में कहा कि जितने भी रेट कम किए गए हैं यह राज्य सरकार ने किया है।
किसको कितना रेट देना है यह राज्य सरकार तय करती है और इस परियोजना को मई 2019 में स्थगित कर दिया गया था और अब इसे दोबारा मंजूरी मिली है। लोकल बॉडी सरकार से यह जानना चाहती है कि जब 2017-18 में इस परियोजना का पहला तीन, ए नोटिफिकेशन हुआ उसके बाद दो साल बाद इस परियोजना को स्थगित कर दिया गया और 2020-21 में यह परियोजना दोबारा शुरू की गई तो हमारे साथ अन्याय करते हुए आपने हमें दो हजार सत्रह अट्ठारह के रेट क्यों दिए जब यह परियोजना ही 2020-21 में शुरू हुई तो आप हमें पुराने रेट क्यों दे रहे हैं ।
यह नूरपुर की जनता के साथ सरासर अन्याय है और अभी तक सरकार ने तीसरा अवार्ड घोषित नहीं किया है पहले तो तीन-तीन अवार्ड घोषित करना ही हमारी समझ से परे है यह हिमाचल में कहीं भी नहीं हुआ है और अब सरकार ने जानबूझकर जनता को मूर्ख समझते हुए 2017-18 के रेट दिए और ज्यादातर जमीन उसी रेट में ले ली जब सरकार ने 2017-18 में जमीन के रेट लिए हैं तो इसका भू अधिग्रहण 2021 में क्यों हो रहा है यह हमारी समझ से परे है क्योंकि दो हजार सत्रह अट्ठारह में सरकार ने जनता के साथ कोई भी लिखित में एग्रीमेंट नहीं किया था हमारी सरकार से यह शिकायत है कि सरकार हमारे साथ न्याय करें और हमें मार्केट वैल्यू के हिसाब से सेक्टर 2 देने के कोशिश करें क्योंकि यह सरकार ने अपने घोषणा पत्र में लिखित में दिया था इसके साथ ही जो बिल्डिंग नापने का काम है वह लगातार सरकार करवा रही है और वो टीम उस बिल्डिंग के मालिक को यह नहीं बताती है कि आप की कितनी जमीन गई है इस बिल्डिंग का कितना एरिया बना है और आपकी राशि कितनी बनी है हमारी सरकार से यह निवेदन है कि पहले जनता को उनकी बिल्डिंग स्ट्रक्चर के रेट बताएं जाएं उसके बाद बिल्डिंग नापी जाए ताकि भू मालिकों को पता हो कि उनकी जायदाद जमीन का क्या मोल है और वह इसके लिए अपना इंतजाम समय रहते कर सकें।
सरकार हर बार जनता को ठगने के नए-नए तरीके अपना रही है और हर बार अपनी बात से मुकर जाती है इसलिए हमारी एक बार फिर सरकार से निवेदन है कि सरकार मार्केट वैल्यू के हिसाब से हमारी जमीनों और बिल्डिंग के रेट दे और पहले हमारे जो जमीनों के रेट है उनको बढ़ाया जाए उसके बाद इसके ऊपर फैक्टर लगाया जाए ।