हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने की अनुबंध सेवा का पद वरिष्ठता में लाभ देने की मांग

Himachal Govt Teachers Association हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ बिलासपुर जिला इकाई ने प्रदेश सरकार से अनुबंध से नियमित शिक्षकों को उनकी अनुबंध सेवा का पद वरिष्ठता लाभ देने की मांग की है ताकि पदोन्नति में इसका लाभ मिल सके।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 07:11 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 07:37 AM (IST)
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने की अनुबंध सेवा का पद वरिष्ठता में लाभ देने की मांग
अध्यापक संघ ने अनुबंध से नियमित शिक्षकों को उनकी अनुबंध सेवा का पद वरिष्ठता लाभ देने की मांग की है

बिलासपुर,संवाद सहयोगी। Himachal Govt Teachers Association, हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ बिलासपुर जिला इकाई ने प्रदेश सरकार से अनुबंध से नियमित शिक्षकों को उनकी अनुबंध सेवा का पद वरिष्ठता लाभ देने की मांग की है, ताकि पदोन्नति में इसका लाभ मिल सके। हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ बिलासपुर जिला इकाई के अध्यक्ष यशवीर रणौत, महासचिव सुनील ठाकुर, घुमारवीं- दो शिक्षा खंड के अध्यक्ष पवन शर्मा, घुमारवीं -एक शिक्षा खंड के अध्यक्ष सुनील शर्मा, सदर खंड के अध्यक्ष डा. संजीव चंदेल, झंडूता खंड के अध्यक्ष गणेश दत्त शर्मा महासचिव नरेश धीमान, स्वारघाट शिक्षा खंड के अध्यक्ष चिरंजी लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिक्षा विभाग में समय समय पर नियमित भर्ती के स्थान पर अनुबंध आधार पर भर्तियां कर रखी हैं और अभी भी सरकार अनुबंध पर भर्तियां कर रही हैं।

नियमित और अनुबंध भर्ती के मामले में समान उम्मीदवार योग्यता और चयन प्रक्रिया अपनाई जाती है और भर्ती भी संबंधित विभाग व वित्त विभाग की सिफारिश पर रिक्त पदों पर की जाती है। लेकिन यही बड़ी विडंबना है कि अनुबंध पर लगे अध्यापकों को उनके नियमित होने के उपरांत ही पद वरिष्ठता लाभ दिया जा रहा है, जो उचित नहीं है। शिक्षा विभाग में टीजीटी व पीजीटी शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया की बात है तो इसमें सीधी भर्ती नियमित या अनुबंध (कमीशन व बैचवाइज) व पदोन्नति से रिक्त पदों पर नियुक्ति दी जाती है।

टीजीटी में 25 प्रतिशत रिक्त पदों पर (जेबीटी सीएंडवी) पदोन्नति से तथा 75 प्रतिशत रिक्त पदों पर ( 50 प्रतिशत कमीशन, 50 प्रतिशत बैचवाइज) सीधी भर्ती से नियुक्ति दी जाती है। पीजीटी शिक्षकों के मामले में कुल रिक्त पदों के लिए 50 प्रतिशत सीधी भर्ती नियमित या अनुबंध (कमीशन) से व 50 प्रतिशत पदोन्नति से भरे जाते हैं। सीधी भर्ती द्वारा अनुबंध से नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों को उनके नियमित होने की तिथि से ही पद वरिष्ठता लाभ दिया जा रहा है, जिससे अनुबंध पर नियुक्त शिक्षक पदोन्नति से आए शिक्षकों से 3 वर्ष से लेकर 7 वर्ष तक पद वरिष्ठता सूची में पीछे रह गए हैं।

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