पहाड़ में हादसे रोकने के लिए सरकार का बड़ा कदम, हिमाचल में पहली बार बनी क्रैश बैरियर रखरखाव नीति
Himachal Crash Barrier Policy हिमाचल प्रदेश में सड़क हादसों की रोकथाम के लिए राज्य सरकार से बड़ा कदम उठाया है। अब क्रैश बैरियर की बेहतर तरीके से रखरखाव हो सकेगा। खराब या क्षतिग्रस्त होने की सूरत में इन्हें बदला भी जा सकेगा।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Crash Barrier Policy, हिमाचल प्रदेश में सड़क हादसों की रोकथाम के लिए राज्य सरकार से बड़ा कदम उठाया है। अब क्रैश बैरियर की बेहतर तरीके से रखरखाव हो सकेगा। खराब या क्षतिग्रस्त होने की सूरत में इन्हें बदला भी जा सकेगा। यह कार्य लोक निर्माण विभाग नहीं बल्कि इस कार्य में महारत हासिल निजी एजेंसियां करेंगी। सरकार इन एजेंसियों को इंपैनल करेगा। इनके साथ तीन-तीन साल का सर्विस लेवल एग्रीमेंट होगा। जिस भी एजेंसी ने बेहतर सेवाएं दी तीन साल के बाद भी एग्रीमेंट रिन्यू होगा। लेकिन गुणवत्ता का ख्याल न रखने वाली एजेंसी को पेनल्टी लगाई जाएगी।
अभी तक खराब क्रैश बैरियरों के रखरखाव का कोई पुख्ता प्रविधान नहीं था। लोक निर्माण विभाग के एक अंतराल के बाद मरम्मत तो करवा था, लेकिन इसके लिए फंड की कोई उचित व्यवस्था नहीं होती थी। अब प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में शुक्रवार को नई नीति को मंजूरी दी गई है।
470 किलोमीटर सड़क में हैं क्रैश बैरियर
मौजूदा समय में प्रदेश में 470 किलोमीटर सड़क में क्रैश बैरियर लगे हैं। अब नई नीति में इनको और बढ़ावा मिलेगा।
1200 लोगों की हर साल मौत
प्रदेश में सड़क हादसे लगातार बढ़ रहे हैं। प्रदेश में हर साल औसतन 1200 लोगों की सड़क हादसों से मौत हो रही है। दो दिन पहले ही ऊना जिले में तीन पुलिस कर्मियों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो गई। तीन घरों के चिराग बुझ गए। डीजीपी संजय कुंडू ने शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है।
उद्योगों को राहत देने के लिए तैयार होगा प्रारूप
शिमला। हिमाचल में मेगा औद्योगिक इकाईयों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार कई नए कदम उठाएगी। इन इकाईयों को रियायतें देने के लिए नया प्रारूप तैयार होगा। कैसे राहत दी जाएगी, इसके लिए उद्योग विभाग इसक प्रारूप तैयार करेगा। इनमें सभी पहलुओं को शामिल किया जाएगा। इस संबंध में मंत्रिमंडल में राज्य में बड़ी, मेगा इकाइयों को राज्य में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हिमाचल प्रदेश औद्योगिक निवेश नीति एवं नियम 2019 के तहत प्रदेश में कस्टमाइजड पैकेज ऑफ इंसेंटिवज फॉर मेगा इंडस्ट्रीयल प्रोजेक्टस के लिए प्रस्ताव का प्रारूप तैयार करने को स्वीकृति प्रदान की गई। प्रदेश सरकार निवेश को बढ़ावा देने के लिए पहले भी कई तरह के प्रावधान कर चुकी है। निवेशकों के लिए एनओसी की शर्तों को आसान किया गया। पहली इंवेस्टर मीट धर्मशाला में आयोजित की गई थी। इनमें 82 हजार करोड़ से अधिक के प्रस्तावों को मुहर लगी थी। हालांकि बाद में कोरोना काल के कारण इन पर आगे खास प्रगति नहीं हुई। अब सरकार एक और ग्राउंड ब्रेकिंग कार्यक्रम की तैयारियां कर रही है।