कोरोना काल में हिमाचल के 10,160 पीटीए, पैट और पैरा शिक्षक रेगुलर, पिछली तिथि से नहीं मिलेगा वित्तीय लाभ

Teachers Regular राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत 10160 पीटीए पैट और पैरा शिक्षकों को सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 04:54 PM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 04:54 PM (IST)
कोरोना काल में हिमाचल के 10,160 पीटीए, पैट और पैरा शिक्षक रेगुलर, पिछली तिथि से नहीं मिलेगा वित्तीय लाभ
कोरोना काल में हिमाचल के 10,160 पीटीए, पैट और पैरा शिक्षक रेगुलर, पिछली तिथि से नहीं मिलेगा वित्तीय लाभ

शिमला, जागरण संवाददाता। राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत 10,160 पीटीए, पैट और पैरा शिक्षकों को सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। पिछले 41 दिनों से चल रहे मंथन के बाद बुधवार को सचिव शिक्षा राजीव शर्मा ने इन शिक्षकों के नियमितीकरण का आदेश जारी कर दिया है। इसके तहत 6799 पीटीए, 3264 पैट और 97 पैरा शिक्षक नियमित होंगे। वर्ष 2006-08 के बीच हो शिक्षक विभाग में नियुक्त हुए हैं वे पुराने भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत नियमित होंगे। इसके बाद शिक्षकों को नए आरएंडपी नियम यानि (टैट व स्नातक व बीएड में 50 फीसद की शर्त) लागू होगी। आरएंडपी नियमों की शर्त इसलिए लगाई है, ताकि भविष्य में किसी भी तरह के कोर्ट केस का सामना न करना पड़े।

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद 25 जून को राज्य मंत्रिमंडल ने अस्थायी शिक्षकों को नियमित करने की मंजूरी दी थी। मंत्रिमंडल की मंजूरी के 41 दिनों के बाद अब इन्हें नियमित किया जा रहा है। शिक्षकों को बैकडेट से कोई वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा।

17 अप्रैल को को सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था फैसला

17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने अस्थायी शिक्षकों को राहत देते हुए सभी याचिकाओं को रद कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 9 दिसंबर 2014 को दिए गए हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायलय के फैसले को बरकरार रखा था। 9 दिसंबर 2014 को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायलय ने अस्थायी शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया था। फैसला आने के बाद राज्य सरकार ने 10 साल का सेवाकाल पूरा कर चुके पैरा शिक्षकों को नियमित करने और सात साल का कार्यकाल पूरा कर चुके शिक्षकों को अनुबंध पर लाया था। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, 22 जनवरी 2015 में सुप्रीमकोर्ट ने मामले पर यथा स्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए थे। इसके बाद से शिक्षक अनुबंध पर आ गए थे, लेकिन नियमित नहीं हो पाए थे। उस समय जो शिक्षक किन्हीं कारणों से अनुबंध पर नहीं आ पाए थे, वे पीटीए पर ही सेवाएं दे रहे थे।

10 साल लड़ी कानूनी लड़ाई

अस्थायी शिक्षकों ने दस साल कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ी। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायलय में काफी समय तक यह मामला चला। इसके बाद 2015 से ये मामला देश के सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन था। इसके बाद से पांच सालों से लगातार ही इस मामले में सुनवाई चल रही थी। अब सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद इन्हें बड़़ी राहत मिली है। अस्थायी शिक्षकों की भर्तियां पिछले 17 वर्षों में हुई हैं। पैरा शिक्षक वर्ष 2003 से 04 के बीच लगे हैं। पैट की नियुक्ति 2003 में हुई थी। पीटीए शिक्षक 2006 से 08 के बीच लगे हैं। 

आदेश किया जारी

पीटीए, पैट और पैरा शिक्षकों को नियमित करने का आदेश जारी कर दिया है। शिक्षा विभाग इसकी सूची जारी करेगा। राजीव शर्मा, सचिव शिक्षा

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