सरकार ने डाडासीबा में दी फायर चौकी, फायर हाइड्रेंट लगाना भूला विभाग Kangra News
Fire Post Dadasiba डाडासीबा में तीन साल के करीब खुली फायर चौकी सफेद हाथी बन कर रह गई है। आलम यह है कि यहां फायर चौकी तो सरकार ने खोल दी है। लेकिन हाइड्रेंट की सुविधा देना भूल गई है।
डाडासीबा, संवाद सूत्र। डाडासीबा में तीन साल के करीब खुली फायर चौकी सफेद हाथी बन कर रह गई है। आलम यह है कि यहां फायर चौकी तो सरकार ने खोल दी है। लेकिन हाइड्रेंट की सुविधा देना भूल गई है। डाडासीबा में हाइड्रेंट नहीं होने से चौकी के लिए कर्मचारियों को डाडासीबा से लगभग पांच किलोमीटर दूर भलभाल गांव में अग्निशमन वाहनों में पानी भरने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार डाडासीबा में दो फरवरी 2019 को फायर चौकी खुली थी। डाडासीबा चौकी में एक बड़ा और एक छोटा अग्निशमन वाहन हैं। यहां वाहनों की सुविधा तो है लेकिन हाइड्रेंट नहीं है। वहीं फायर सीजन शुरू हो चुका है। डाडासीबा के नजदीक जंगलों में व लोगों की पशुशालाएं जलने की घटनाएं आए दिन हो रहीं हैं। फायर चौकी के कर्मचारियों को वलभाल में पानी भरने में दिक्कत नहीं होती वहीं अगर कहीं रात में पानी भरने जाना पड़े तो काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
फायर सीजन अभी शुरू ही हुआ लेकिन अस्थाई व्यवस्था भी हो पाएगी या नहीं यह भी सवाल ही बना हुआ है, क्योंकि अधिकारियों के मुताबिक संबंध में प्रशासन से मांग उठाई गई है जबकि जल शक्ति विभाग की मानें तो प्राक्कलन बनाकर भेजा गया है जब तक मंडल कार्यालय से स्वीकृति नहीं मिलती और बजट का प्रावधान नहीं होता तब तक समस्या का समाधान नहीं होगा।
चौकी प्रभारी बीरबल ने कहा कहा कि चौकी में 13 कर्मचारियों का स्टाफ है लेकिन फायर हाइड्रेंट ना होने से आपात स्थिति में पांच किलोमीटर दूर पानी भरने के लिए जाना पड़ता है। यदि चौकी के नजदीक हाइड्रेंट हो तो कर्मियों को जरूर राहत मिलेगी और अग्निकांडो पर भी तुरंत काबू पाया जा सकेगा।
वहीं जल शक्ति विभाग के सहायक अभियंता रविंद्र कुमार ने कहा कि फायर हाइड्रेंट लगाने के लिए प्राक्कलन मंडल कार्यालय भेजा है कार्यालय स्वीकृति को बजट का प्रावधान होने पर हाइड्रेंट लगा दिए जाएंगे।