34 वर्ष के बाद बदला आयुर्वेद विभाग का नाम, आयुष में छह पद्धतियां होंगी एक छत के नीचे, पढ़ें खबर

Ayush Department आयुर्वेद विभाग का नाम आयुष विभाग करने से अब छह पद्धतियां आयुर्वेद योग व नेचुरोपैथी यूनानी सिद्धा व होम्योपैथी एक छत के नीचे आ गई हैं। अभी तक आयुर्वेद विभाग नाम होने से बाकी पद्धतियां ऐसे ही चल रही थीं।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 09:35 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 09:35 AM (IST)
34 वर्ष के बाद बदला आयुर्वेद विभाग का नाम, आयुष में छह पद्धतियां होंगी एक छत के नीचे, पढ़ें खबर
हिमाचल सरकार ने आयुर्वेदिक विभाग का नाम बदल दिया है।

शिमला, जेएनएन। आयुर्वेद विभाग का नाम आयुष विभाग करने से अब छह पद्धतियां आयुर्वेद, योग व नेचुरोपैथी, यूनानी, सिद्धा व होम्योपैथी एक छत के नीचे आ गई हैं। अभी तक आयुर्वेद विभाग नाम होने से बाकी पद्धतियां ऐसे ही चल रही थीं। केंद्र सरकार में भी आयुष मंत्रालय नाम  है और प्रदेश में आयुर्वेद विभाग के गठन के 34 वर्ष के बाद नाम बदला गया है। इसके लिए बीते करीब दो वर्षों से प्रयास चल रहे थे। अब आयुर्वेद के अलावा अन्य पद्धतियों का भी विस्तार होगा जिसका आम लोगों को लाभ मिलेगा। आयुष नाम रखने के संबंध में मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया। जल्द ही अधिसूचना जारी कर नाम बदल दिया जाएगा।

मंत्रिमंडल ने आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र को आयुष स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों के रूप में स्तरोन्नत करने के लिए निदेशक आयुर्वेद और भारत सरकार के उपक्रम मैसर्ज एचएलएल लाइफ केयर लिमिटेड के बीच समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित करने को स्वीकृति प्रदान की। ऐसे 140 केंद्र अधिसूचित किए जा चुके हैं और 2024 तक आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्रों को हेल्थ एंड वेल्नेस सेंटर बनाया जाएगा। इसके लिए पंद्रह लाख रुपये प्रति केंद्र खर्च किया जाएगा। नई सुविधाओं को शामिल करने के साथ उपकरणों को स्थापित किया जाएगा। एचएलएल लाइफ केयर लिमिटेड आधारभूत ढांचा तैयार करने के साथ उपकरणों को स्थापित करेगी।

हिमाचल पंचकर्म में देगा केरल को मात

हिमाचल अब पंचकर्म में केरल को मात देगा। इसके लिए प्रशिक्षित पंचकर्म के तहत प्रशिक्षित मैस्योर यानी मालिश करने वाले रखे जाएंगे। इसका प्रदेश में अलग से कॉडर स्थापित किया गया है और 35 पदों को दैनिक भोगी आधार पर भरा जाएगा। इसके लिए दसवीं पास होने के साथ छह माह का मसाज करने का प्रशिक्षण हासिल किया होगा उन्हें रखा जाएगा। प्रदेश में 24 आयुर्वेदिक अस्पताल हैं और इन्हीं में पंचकर्म के लिए इन्हें रखा जाएगा। अभी तक आयुर्वेद विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें रोगी कल्याण समिति के तहत प्रोत्साहन राशि दी जा रही थी। इन पदों को सृजित करने से अब आयुर्वेद पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जाएगा।  

आयुष का पूरा अर्थ

ए : आयुर्वेद, वाई : योग व नेचुरोपैथी, यू : यूनानी, एस : सिद्धा, एच : होम्योपैथी है।

chat bot
आपका साथी