लाहुल में बादल फटने के बाद आई बाढ़ के कारण फंसे पर्यटकों को किया एयरलिफ्ट, तांदी हेलीपैड पहुंचाए

Himachal Govt Airlifted Tourists हिमाचल प्रदेश के लाहुल में बादल फटने से मची तबाही के बाद फंसे लोगों को पांच दिन बाद राहत मिली है। मंगलवार को बादल फटने से नालों में आई बाढ़ से लाहुल घाटी में फंसे पर्यटकों व लोगों को रेस्‍क्‍यू कर लिया गया है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 11:32 AM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 11:32 AM (IST)
लाहुल में बादल फटने के बाद आई बाढ़ के कारण फंसे पर्यटकों को किया एयरलिफ्ट, तांदी हेलीपैड पहुंचाए
हिमाचल के लाहुल में बादल फटने से मची तबाही के बाद फंसे लोगों को पांच दिन बाद राहत मिली है।

केलंग, जागरण संवाददाता। Himachal Govt Airlifted Tourists, हिमाचल प्रदेश के लाहुल में बादल फटने से मची तबाही के बाद फंसे लोगों को पांच दिन बाद राहत मिली है। मंगलवार को बादल फटने से नालों में आई बाढ़ से लाहुल घाटी में फंसे पर्यटकों व लोगों को रेस्‍क्‍यू कर लिया गया है। लगातार खराब चल रहे मौसम से रेस्क्यू में बाधा आ रही थी लेकिन आज सुबह मौसम साफ होते ही सरकार ने रेस्क्यू अभियान शुरू किया। हेलिकॉप्‍टर के माध्‍यम पर्यटकों व अन्‍य लोगों को तांदी हेलीपैड पहुंचाया। लगातार खराब मौसम सभी पर भारी पड़ा हुआ था। इस बीच कई पर्यटक व लोग जान जोखिम में डाल झूले पार करते हुए अपने घरों को निकल गए जबकि शेष रहे लोगों को आज रेस्क्यू किया है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री शनिवार को ही वाहन के माध्‍यम से लाहुल पहुंच गए थे। लेकिन खराब मौसम उनकी हवाई रैकी में बाधा बना हुआ था। आज सुबह सीएम ने भी हवाई रैली की और लाहुल घाटी के हालात का जायजा लिया। मौसम साफ होने के चलते सरकार ने सुबह हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू अभियान शुरू किया और पहला राउंड बारिंग हेलीपैड से तांदी का लगाया, जिसमें जाहलमा में फंसे आठ पर्यटकों को तांदी पहुंचाया। दूसरी बार उदयपुए में फंसे पर्यटकों व लोगों को तांदी पहुंचाया।

बादल फटने के बाद आई बाढ़ में कई पुल बह गए हैं, जबकि सड़कों को भी भारी नुकसान हुआ है। इस कारण मंगलवार से लगातार पर्यटक फंसे हुए थे, जिन्‍हें आज राहत मिली है। काजा मार्ग भी बंद हो गया था। लेकिन प्रशासन ने इस दो दिन बाद खाेल दिया था और सैकड़ों पर्यटकों को वाहन समेत निकाल लिया था।

यह भी पढ़ें: Video: लाहुल में सड़कों व पुलों के बह जाने से बढ़ा किसानों का दर्द, मटर और गोभी नदी में फेंकने को मजबूर

chat bot
आपका साथी