कर्जदार प्रदेश के माननीय सरकारी खजाने से पी रहे औसतन दो करोड़ रुपये की चाय, पढ़ें पूरी खबर

प्रदेश पर बेशक पचास हजार करोड़ से अधिक के कर्ज का बोझ क्यों न हो लेकिन मंत्रियों से लेकर तमाम ओहदेदार सरकारी खजाने से ही आने वालों को चाय-कॉफी पिलाते हैं।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Mon, 16 Sep 2019 12:10 PM (IST) Updated:Mon, 16 Sep 2019 01:06 PM (IST)
कर्जदार प्रदेश के माननीय सरकारी खजाने से पी रहे औसतन दो करोड़ रुपये की चाय, पढ़ें पूरी खबर
कर्जदार प्रदेश के माननीय सरकारी खजाने से पी रहे औसतन दो करोड़ रुपये की चाय, पढ़ें पूरी खबर

शिमला, रमेश सिंगटा। हिमाचल प्रदेश में मंत्री बनने पर जलपान का सारा खर्च सरकार ही उठाती है। प्रदेश पर बेशक पचास हजार करोड़ से अधिक के कर्ज का बोझ क्यों न हो लेकिन मंत्रियों से लेकर तमाम ओहदेदार सरकारी खजाने से ही आने वालों को चाय-कॉफी पिलाते हैं। एक सरकार के पांच साल के कार्यकाल में औसतन दो करोड़ रुपये इसी मद में खर्च किए जाते हैं। खर्च का आंकड़ा सिर्फ राज्य सचिवालय का है। 'दैनिक जागरण' को सूचना के अधिकार के तहत मिली सूचनाओं से खुलासा हुआ कि हर माह औसतन तीन लाख रुपये से अधिक जलपान पर खर्च हो रहा है। रोचक तथ्य यह है कि इस मद पर खर्च करने के लिए वित्त विभाग ने कोई सीमा तय नहीं की है। किसी भी सरकार ने इस पर किफायत बरतने की पहल नहीं है।

निजाम बदला, व्यवस्था नहीं

राज्य सचिवालय में जलपान की व्यवस्था पर्यटन निगम के कैंटीन से की जाती है। बाद में निगम को सरकार बिलों के आधार पर भुगतान करती है। वर्तमान सरकार वर्ष 2017 में दिसंबर महीने में सत्तारूढ़ हुई लेकिन व्यवस्था पहले वाली ही रही। जनवरी 2018 में मंत्रियों, ओएसडी ने दो लाख 75 हजार 254 रुपये जलपान पर खर्च किए। सरकार में दूसरे नंबर की हैसियत रखने वाले ङ्क्षसचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री पर सबसे ज्यादा खर्च हुआ। दूसरे स्थान पर कल्याण मंत्री, वन मंत्री रहे।

जनवरी, 2018 में जलपान पर खर्च

-कल्याण मंत्री,17771 रुपये

-सीएम के राजनीतिक सलाहकार,12670

-ओएसडी टू सीएम,8250

-ओएसडी टू सीएम,1107

-उद्योग मंत्री,12397

- शिक्षा मंत्री,11144

-खाद्य आपूर्ति मंत्री,14325

-कृषि मंत्री,13578

-सीएम,89604

-स्वास्थ्य मंत्री,12888

-वन मंत्री,17560

-आइपीएच मंत्री,20726

- परिवहन मंत्री,60

-टीसीपी मंत्री,14217

- ऊर्जा मंत्री,5723

-ग्रामीण विकास मंत्री,10313

कुल 275264 रुपये

फरवरी- 2018

वर्ष 2018 के फरवरी माह में 281763 रुपये खर्च किए। इस महीने वन मंत्री ने सबसे ज्यादा 23402 रुपये खर्च किए। खाद्य आपूर्ति मंत्री 17527 रुपये के साथ दूसरे स्थान पर, कृषि मंत्री तीसरे स्थान रहे। उन्होंने 14514 रुपये खर्च किए। सीएम के एक ओएसडी ने 17568 रुपये खर्च किए। स्वास्थ्य मंत्री ने 13730 रुपये, सीएम के दूसरे ओएसडी ने 13952 खर्च किए।

मार्च में सरकार की तिजोरी से इस मद पर 2 लाख 56 हजार 715 रुपये अदा किए गए। कई मंत्रियों ने मुख्यमंत्री को काफी पीछे छोड़ा। वन मंत्री ने यहां भी बढ़त ली। अप्रैल महीने में 2 लाख 26 हजार 220 रुपये का खर्च आया। स्वास्थ्य मंत्री 12382 रुपये के साथ पहले स्थान पर रहे।

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