ओलिंपिक में भाग लेने वाले हर हिमाचली खिलाड़ी को 25 लाख देने पर विचार

हिमाचल की खेल नीति को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंजूरी दे दी है। अब केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से सुझाव लिए जाएंगे। हिमाचल सरकार भी हरियाणा की तर्ज पर ओलिंपिक में भाग लेने वाले प्रदेश के हर खिलाड़ी को 25 लाख की राशि देने पर विचार कर रही है।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Thu, 02 Sep 2021 09:18 PM (IST) Updated:Thu, 02 Sep 2021 09:18 PM (IST)
ओलिंपिक में भाग लेने वाले हर हिमाचली खिलाड़ी को 25 लाख देने पर विचार
हिमाचल के वन, खेल एवं युवा सेवाएं मंत्री राकेश पठानिया। जागरण आर्काइव

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल की खेल नीति का प्रारूप तैयार है और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसे मंजूरी दे दी है। अब युवा सेवाएं एवं खेल विभाग प्रदेश में क्रिकेट को राष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान दिलवाने में अहम भूमिका निभाने वाले केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर को भी खेल नीति का प्रारूप दिखाना चाहता है। वहीं हिमाचल सरकार भी हरियाणा की तर्ज पर ओलिंपिक में भाग लेने वाले प्रदेश के हर खिलाड़ी को 25 लाख की राशि देने पर विचार कर रही है।

मुख्यमंत्री की स्वीकृति मिलने और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की सहमति प्राप्त करने के बाद अक्टूबर में प्रदेश में नई खेल नीति लागू होगी। इसके लिए शीघ्र ही कैबिनेट मंत्री राकेश पठानिया दिल्ली जाकर अनुराग से मुलाकात करेंगे। अनुराग को खेल नीति दिखाने उद्देश्य यह है कि नरेन्द्र मोदी सरकार में उनके पास खेल मंत्रालय भी है। प्रदेश को किस तरह से खेलों में अधिक बढ़ावा मिल सकता है, इस संदर्भ में अनुराग के सुझाव महत्वपूर्ण रहेंगे।

खेल नीति में प्रदेश को खेलों का हब बनाने की योजना है। पैरा ओङ्क्षलपिक को भी खेल नीति में शामिल किया गया है। धर्मशाला के नजदीक हाई अल्टीट्यूट ट्रेङ्क्षनग केंद्र और जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति के काजा में तीरंदाजी के गुर सिखाने के साथ शीतकालीन खेलों के विकास को भी खेल नीति में शामिल किया गया है।

स्कूल स्तर पर शुरू होगा प्रतिभा खोज अभियान

वन एवं युवा सेवाएं और खेल मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि खेल नीति में धर्मशाला, मनाली व शिमला में स्टेडियम विकसित किए जाएंगे। शिमला जिले में 22 करोड़ की लागत से छह माह में स्टेडियम बनकर तैयार होगा। खेल नीति में खिलाडिय़ों को इनसेंटिव देने का मुद्दा भी शामिल किया गया है। प्रदेश में एथलेटिक्स, तीरंदाजी, शूङ्क्षटग, वालीबाल, साफ्टबाल, मुक्केबाजी व कुश्ती के विकास की व्यापक संभावनाएं हैं। खेल विभाग की स्कूल स्तर पर ही उदीयमान खिलाडिय़ों की प्रतिभा खोज अर्थात टैलेंट सर्च योजना के तहत पहचान करने की भी योजना है। इस योजना को जल्द लागू किया जाएगा। युवा सेवाएं एवं खेल विभाग का प्रयास प्रदेश को खेलों का हब बनाना है।

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