निजी बस आपरेटरों को राहत दे सकती है हिमाचल सरकार
हिमाचल प्रदेश के निजी बस आपरेटरों को सरकार बड़ी राहत दे सकती है। मंत्रिमंडल की बैठक में परिवहन विभाग के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। प्रस्ताव में टोकन टैक्स पिछले साल से इस साल मार्च महीने तक माफ हो सकता है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश के निजी बस आपरेटरों को सरकार बड़ी राहत दे सकती है। मंत्रिमंडल की बैठक में परिवहन विभाग के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। प्रस्ताव में टोकन टैक्स पिछले साल से इस साल मार्च महीने तक माफ हो सकता है। अगर किसी कारण बैठक में राहत वाला फैसला नहीं लिया तो आपरेटर हड़ताल पर ही रहेंगे। वे चार मई से हड़ताल पर हैं।
निजी आपरेटरों का दावा है कि कोरोना काल में 90 फीसद आपरेटरों ने टैक्स नहीं चुकाया है। इनकी वित्तीय हालत खराब होती जा रही है। इस कारण अदायगी नहीं कर पा रहे हैं। जबकि विभाग की ओर से लगातार डिफाल्टरों की सूची मांगी जा रही है।
कितने आपरेटर हैं हिमाचल में
हिमाचल प्रदेश में निजी बसों की संख्या करीब 3300 है। यह सभी बसें काफी समय से सड़कों के किनारे धूल फांक रही हैं। अब अगर दोबारा सड़कों पर दौड़ाना हो तो उसके लिए भी मरम्मत आदि करने की जरूरत पड़ेगी। कई आपरेटरों के पास तो इस मरम्मत के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं।
15 जून से बस सेवाएं हो सकती है बहाल
15 जून से प्रदेश में बस सेवाएं फिर बहाल हो सकती है। इसके लिए सरकारी स्तर पर तैयारियां चल रही है। खासकर हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। पिछले महीने भी जब निजी बसें नहीं चली तो निगम की सरकारी बसों को काफी लाभ हुआ था। जबकि कोरोना काल में निगम की बसों को नुकसान झेलना पड़ रहा है। निगम को 700 करोड़ से अधिक का वित्तीय नुकसान हो गया है
राहत नहीं तो आंदोलन रहेगा जारी
हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर के महासचिव रमेश कमल ने उम्मीद जताई कि मंत्रिमंडल की बैठक में आपरेटरों को बड़ी राहत मिल सकती है। उन्होंने कहा कि ऑपरेटरों की आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो गई है। इस कारण टैक्स नहीं चुका पा रहे हैं। अगर फिर भी राहत नहीं दी तो आपरेटर अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
कितना देते हैं टैक्स
साल में करीब 45 करोड़ विशेष पथ पर ग्रीन टैक्स और टोकन टैक्स चुकाते हैं। टोकन टैक्स साल में प्रति सीट 500 रुपये चुकाए जाते हैं।