बर्फबारी के बाद जंगली जानवरों का शिकार रोकने के लिए वन विभाग मुस्तैद, 18 टास्क फोर्स टीमें गठित की

Himachal Forest Department सर्दियों के दस्तक के साथ ही वन विभाग ने पहाड़ों से मैदानी क्षेत्रों की ओर रुख करने वाले जंगली जानवरों का अवैध शिकार रोकने के लिए कमर कस ली है। वन विभाग के वनमंडलाधिकारी (डीएफओ) कार्यालय धर्मशाला ने 18 टास्क फोर्स टीमों का गठन कर दिया है

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 11:44 AM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 11:44 AM (IST)
बर्फबारी के बाद जंगली जानवरों का शिकार रोकने के लिए वन विभाग मुस्तैद, 18 टास्क फोर्स टीमें गठित की
वन विभाग ने 18 टास्क फोर्स टीमों का गठन कर दिया है

धर्मशाला, राजेंद्र डोगरा। Himachal Pradesh Forest Department, सर्दियों के दस्तक के साथ ही वन विभाग ने पहाड़ों से मैदानी क्षेत्रों की ओर रुख करने वाले जंगली जानवरों का अवैध शिकार रोकने के लिए कमर कस ली है। वन विभाग के वनमंडलाधिकारी (डीएफओ) कार्यालय धर्मशाला ने 18 टास्क फोर्स टीमों का गठन कर दिया है, जो अवैध शिकार करने वालों पर नजर रखेंगी। वनमंडल धर्मशाला के तहत 18 ब्लाक आते हैं और हर ब्लाक में एक-एक टीम का गठन किया गया है। हालांकि समूचे वनमंडल क्षेत्र में टीमें नजर रखेंगी, लेकिन ज्यादा नजर टीमों की अवैध शिकार से संवेदनशील क्षेत्रों पर रहेगी।

वनमंडल धर्मशाला के तहत अवैध शिकार के तहत आते संवेदनशील क्षेत्रों में दरीणी, बोह, मैक्लोडगंज का ऊपरी क्षेत्र, खनियारा के थातरी व खड़ौता गांवों के ऊपरी क्षेत्र व नरवाणा का ऊपरी क्षेत्र शामिल हैं। जहां अकसर सर्दियों के दस्तक के साथ ही जंगली जानवरों के शिकार के लिए शिकारी सक्रिय हो जाते हैं। इसीलिए सर्दियों की दस्तक के साथ ही वन विभाग के वनमंडल कार्यालय धर्मशाला ने भी एहतियात बरतते हुए जंगली जानवरों की सुरक्षा पुख्ता बनाने को टीमें गठित कर दी हैं।

हर टीम में तीन से पांच अधिकारी व कर्मचारी शामिल हैं, जो समय-समय पर गश्त भी करेंगे और ग्रामीणों से भी बकायदा सामंजस्य बनाए रखेंगे, ताकि अवैध शिकार करने वाले शिकारियों पर शिकंजा कसा जा सके।

उधर, वनमंडल धर्मशाला के वनमंडल अधिकारी संजीव शर्मा के मुताबिक सर्दियों के मौसम में पहाड़ों पर बर्फबारी होने और अत्याधिक सर्दी बढ़ जाने के चलते अकसर जंगली जानवर मैदानी क्षेत्रों की ओर रुख करते हैं और ऐसे में शिकारी भी इनके शिकार के लिए सक्रिय हो जाते हैं। जंगली जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और शिकारियों पर शिकंजा कसने के लिए 18 टीमों का गठन कर दिया गया है, जोकि अपने-अपने ब्लाक के तहत आते क्षेत्रों में नजर रखेंगे। ज्यादातर नजर विभाग की अवैध शिकार से संवेदनशील क्षेत्रों पर रहेगी।

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