हिमाचल के किसान ने सिंचाई के लिए तैयार किया एसएमएस सिस्‍टम, मोबाइल संदेश से शुरू हो जाती है ड्र‍िपिंग

Himachal Pradesh Farmer SMS Irrigation System अब बागवानों व किसानों को अपने खेतों की सिंचाई के लिए स्वयं मौजूद होने की जरूरत नहीं है। मोबाइल से भेजा एक मैसेज उनके खेतों की सिंचाई करेगा और उसी मैसेज से सिंचाई बंद भी होगी।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 06:12 AM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 06:12 AM (IST)
हिमाचल के किसान ने सिंचाई के लिए तैयार किया एसएमएस सिस्‍टम, मोबाइल संदेश से शुरू हो जाती है ड्र‍िपिंग
बगस्याड के रहने वाले ओम प्रकाश ने यह नया एसएमएस लाइट कंट्रोल सिस्टम तैयार किया है।

थुनाग, गगन सिंह ठाकुर। Himachal Pradesh Farmer SMS Irrigation System, अब बागवानों व किसानों को अपने खेतों की सिंचाई के लिए स्वयं मौजूद होने की जरूरत नहीं है। मोबाइल से भेजा एक मैसेज उनके खेतों की सिंचाई करेगा और उसी मैसेज से सिंचाई बंद भी होगी। हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के सराज हलके के बगस्याड के रहने वाले ओम प्रकाश ने यह नया एसएमएस लाइट कंट्रोल सिस्टम तैयार किया है। ओम प्रकाश अक्सर नई-नई तकनीक इजाद करते रहते हैं। इससे पहले उन्होंने बिजली उपकरणों को आन आफ करने, कमरे के लाक एसएमएस से खोलने आदि के सिस्टम अपने घर में बनाए हैं। 

अब उन्होंने सिंचाई व्यवस्था को इससे जोड़ने की योजना बनाई है। ओम प्रकाश ने घर पर बेकार पड़े फोन और अन्य इलेक्ट्रोनिक वेस्ट के जरिए इस सिस्टम को तैयार किया है। इसमें एक एमआइसी यानी माइक्रो फोन कंट्रोल सिस्टम जो एक सेंसर होता है, लगाया है। इसे एक रेल यानी लोहे की पत्ती से जोड़ा गया है। यह सिस्टम सेंसर के जरिये मोबाइल से जुड़ा है और वीप की आवाज पर काम करता है।

सिस्टम को सिंचाई मोटर की पंप से कनेक्ट किया गया है। जब भी मोबाइल पर एसएमएस आता है और वीप की आवाज होती है तो यह रेल एक बटन की तरह काम करके मोटर को आन कर देती है, जिससे सिंचाई मशीन आन हो जाती है और ड्रिपिंग सिस्टम से खेतों व बागीचे की सिंचाई कर सकते हैं। इसे बंद करने के लिए भी एसएमस ही करना होता है। इसे तैयार करने में ओम प्रकाश को केवल 70 रुपये खर्च करने पड़े हैं। लेकिन इस आपरेट करने के लिए मोबाइल फोन की भी आवश्‍यकता रहती है।

अपनी पांच बीघा जमीन की करते हैं सिंचाई

ओम प्रकाश ने इस सिस्टम का सबसे पहले ट्रायल अपने खेतों में किया है। यहां यह अपने बागीचे और खेतों में अब सिंचाई इसी सिस्टम से करते हैं। इसके लिए उन्होंने मोटर को पानी के टैंकों के साथ जोड़ा है जब भी सिंचाई की जरूरत होती है तो एक मैसेज लिखकर वह सिंचाई शुरू कर देते हैं।

आइटीआइ की पढ़ाई छोड़ी थी बीच में

ओम प्रकाश ने आइटीआइ की पढ़ाई आरंभ की थी। लेकिन स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण उनको यह पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ी, लेकिन अपनी जिज्ञासू प्रवृत्ति के कारण अब वह घर पर ही कोई न कोई उपकरण तैयार करते रहते हैं। उनके परिवार में उनकी माता, भाई, पत्नी और बच्चे हैं।

किसानों को ऐसे मिल सकता है लाभ

सराज हलके की बात करें तो यहां पर मटर व अन्य नकदी फसलों की ओर किसानों का रुझान बढ़ा है, जबकि सिंचाई के लिए उनको बारिश पर निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में अगर किसान टैंक बनाकर उसमें पानी एकत्रित करें तो मोटर के जरिये ड्रिपिंग सिस्टम को आन करके घर से बैठकर ही खेत की सिंचाई कर सकते हैं। इसके अलावा यह अन्य काम भी किए जा सकते हैं।

अब टाइमिंग करने की तैयारी

ओम प्रकाश बताते हैं कि इस सिस्टम में अब वह टाइमिंग रखने का सिस्टम जोड़ेंगे, ताकि अगर कहीं एमएमएस भेजने के बाद मोबाइल में सिग्नल न हो या व्यक्ति बंद करने के लिए एसएमएस करना भूल जाए तो मशीन निर्धारित किए गए टाइम के बाद अपने आप ही बंद हो जाएगी।

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