हिमाचल के शिक्षण संस्‍थानों में अब स्‍वस्‍थ और अनुशासित बनेंगे विद्यार्थी, शिक्षा विभाग ने किया यह अहम बदलाव

Himachal Education Institute हिमाचल के कालेजों और विश्वविद्यालय में नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) को विद्यार्थी अब वैकल्पिक विषय के तौर पर चुन सकते हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने एनसीसी को विषय के तौर पर शुरू करने की मंजूरी दे दी है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 06:23 AM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 06:23 AM (IST)
हिमाचल के शिक्षण संस्‍थानों में अब स्‍वस्‍थ और अनुशासित बनेंगे विद्यार्थी, शिक्षा विभाग ने किया यह अहम बदलाव
हिमाचल के कालेजों एनसीसी को विद्यार्थी अब वैकल्पिक विषय के तौर पर चुन सकते हैं।

शिमला, जागरण संवाददाता। हिमाचल के कालेजों और विश्वविद्यालय में नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) को विद्यार्थी अब वैकल्पिक विषय के तौर पर चुन सकते हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने एनसीसी को विषय के तौर पर शुरू करने की मंजूरी दे दी है। अब तक एनसीसी को एक्सट्रा करिकुलम एक्टिविटी ही माना जाता था। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से इस संबंध में प्रदेश सरकार को पत्र जारी किया है। प्रदेश के कालेजों में इस साल दाखिले हो चुके हैं। ऐसे में अगले साल से इसे शुरू किया जाएगा। एनसीसी को एक विषय के रूप में चुने जाने से इससे अधिक विद्यार्थी जुड़ेंगे। अनुशासन के साथ स्वास्थ्य में इसका फायदा होगा।

वहीं, कैडेट्स को बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण, सामाजिक सेवा और सामुदायिक विकास गतिविधियों में भाग लेने के साथ राष्ट्रीय स्तर पर शिविर, पर्वतारोहण पाठ्यक्रम में भाग लेने का अवसर मिलेगा। पत्र आने के बाद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला ने कालेजों से प्लान मांगा है। पूछा गया है कि यदि कालेज में एनसीसी को विषय के तौर पर शुरू किया जाता है तो इसके लिए क्या सुविधा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कहा है कि युवा पीढ़ी को नशे की गर्त से बचाने के लिए भी यह महत्वपूर्ण कदम है। एनसीसी प्रशिक्षण के लिए बी और सी प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद नौकरी मिलने में भी आसानी होती है।

मुख्य अध्यापकों का पदोन्नति कोटा बढ़ाने की मांग

शिमला। हिमाचल प्रदेश मुख्य अध्यापक एवं प्रधानाचार्य निरीक्षक संवर्ग संघ ने प्रदेश सरकार से मुख्य अध्यापकों का पदोन्नति कोटा 60 फीसद बढ़ाने की मांग की है। मंगलवार को राज्य सचिवालय शिमला में बैठक होगी, जिसकी अध्यक्षता शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर करेंगे। इस बैठक में शिक्षा सचिव के अलावा निदेशक भी शामिल होंगे। ऐसे में हिमाचल प्रदेश मुख्य अध्यापक एवं प्रधानाचार्य निरीक्षक संवर्ग संघ ने अपनी मांगों को पूरा करने का आग्रह किया। यहां जारी बयान में संघ के अध्यक्ष प्रवीण गुलेरिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुखदेव ठाकुर, सचिव उत्तम ठाकुर ने कहा कि अध्यापक संगठनों ने दो वर्ष पूर्व अपनी मांगों से शिक्षा विभाग को अवगत करवाया था, लेकिन अब तक कोई अमल नहीं हुआ है। उन्होंने सरकार से मांग की है की इस बैठक में उन प्रधानाचार्य को नियमित करने के बारे में फैसला लें, जो कि प्लेसमेंट के आधार पर 2017 एवं उसके बाद 2021 मार्च तक पदोन्नत हुए हैं और बिना वित्तीय लाभ के काम कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानाचार्यों व मुख्य अध्यापकों के खाली पदों को जल्द भरने की भी मांग की है।

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