2655 एसएमसी शिक्षकों को नियमित करने की तैयारी, शिक्षा विभाग ने विधि विभाग को भेजी मामले की फाइल
Himachal SMC Teachers स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) के तहत कार्यरत 2655 शिक्षकों को नियमित करने को लेकर एक बार फिर फाइल मूवमेंट शुरू हो गई है। शिक्षा विभाग ने इसकी फाइल तैयार कर विधि विभाग को भेजी है। विधि विभाग से इस पर राय मांगी गई है।
शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal SMC Teachers, स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) के तहत कार्यरत 2655 शिक्षकों को नियमित करने को लेकर एक बार फिर फाइल मूवमेंट शुरू हो गई है। शिक्षा विभाग ने इसकी फाइल तैयार कर विधि विभाग को भेजी है। विधि विभाग से इस पर राय मांगी गई है। विधि विभाग की राय आने के बाद इस मामले को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित हाई पावर कमेटी की बैठक में चर्चा के लिए रखा जाएगा। एसएमसी शिक्षकों का मामला सुप्रीमकोर्ट में विचाराधीन है। इसलिए राज्य सरकार इन शिक्षकों को सीधे नियमित नहीं कर सकती। इसके लिए सरकार को पहले एसएमसी पॉलिसी-2009 में बदलाव करना पड़ेगा।
एसएमसी शिक्षक काफी समय से नियमितिकरण की मांग उठा रहे हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से भी शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की थी। पिछले सप्ताह शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित राजकीय शिक्षक महासंघ की बैठक में इस मसले पर विस्तृत चर्चा हुई थी।
बैठक में शिक्षा मंत्री ने विभाग को निर्देश दिए थे कि इन शिक्षकों को कैसे मुख्य धारा में लाया जा सकता है, इसकी संभावना तलाशे। इसके बाद शिक्षा निदेशालय ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है। अगर सरकार एसएमसी शिक्षकों को नियमित करने के पक्ष में है तो इसके लिए नीति को ही बदलना होगा।
हाईपावर कमेटी की बैठक में होगी चर्चा
प्रदेश सरकार ने शिक्षकों की मांगों के निपटारे के लिए हाई पावर कमेटी का गठन किया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में सचिव शिक्षा के अलावा वित्त, कार्मिक सहित अन्य विभागों के सचिव शामिल हैं। शिक्षा विभाग की तरफ से बैठक के लिए मुख्य सचिव से समय मांगा गया है। अभी इसका कोई जवाब मुख्य सचिव कार्यालय से नहीं आया है। विभाग के पास शिक्षकों से जुड़ी करीब 27 मांगें आ चुकी हैं। इनमें ज्यादातर मांगें आरएंडपी नियमों में बदलाव, वित्तीय मामलों से संबंधित हैं। हालांकि पहली बैठक में विभाग कुछ मामलों को ही चर्चा के लिए रखेगा। एसएमसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष मनोज रौंगटा ने कहा कि सरकार के समक्ष कई बार यह मामला उठाया गया है। मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।