दो बार परीक्षाओं पर आनलाइन बैठक में नहीं बनी बात, शिक्षा बोर्ड को बुलानी पड़ी आफलाइन बैठक

Himachal Education Board राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को हिमाचल में लागू करते हुए हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने इस साल से तय किया है कि तीसरी पांचवीं आठवीं व नौवीं से जमा दो कक्षा की सिर्फ वार्षिक परीक्षा नहीं होगी बल्कि दो बार परीक्षाएं होंगी।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 09:12 AM (IST) Updated:Sat, 09 Oct 2021 09:12 AM (IST)
दो बार परीक्षाओं पर आनलाइन बैठक में नहीं बनी बात, शिक्षा बोर्ड को बुलानी पड़ी आफलाइन बैठक
शिक्षक संघ की सहमति न बनने पर शिक्षा बोर्ड ने धर्मशाला में बैठक करने का निर्णय लिया गया है।

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। Himachal Education Board, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को हिमाचल में लागू करते हुए हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने इस साल से तय किया है कि तीसरी, पांचवीं, आठवीं व नौवीं से जमा दो कक्षा की सिर्फ वार्षिक परीक्षा नहीं होगी, बल्कि दो बार परीक्षाएं होंगी। सभी कक्षाओं की फस्ट टर्म परीक्षाएं नवंबर माह में होंगी, जबकि सेकेंड टर्म परीक्षाएं अप्रैल के अंत में शुरू की जाएंगी। दोनों टर्म में परीक्षाओं के 50-50 फीसद ही सिलेबस परीक्षा में डाला जाएगा। इसको लेकर शिक्षा बोर्ड ने कुछ दिन पूर्व परीक्षाओं को फार्मेट एवं प्रारूप में अपलोड कर दिया है। शिक्षा बोर्ड की रूपरेखा पर राजकीय अध्यापक संघ ने विराेध जताया है। संघ ने स्पष्ट तौर पर आरोप लगाया कि बोर्ड ने आनन फानन में प्रारूप तैयार किया था। जिस पर किसी भी शिक्षक संघ के साथ कोई बैठक नहीं की।

बिगड़ती स्थिति को देखते हुए शिक्षा बोर्ड ने शिक्षक संघों के साथ गत दिवस आनलाइन बैठक की थी, ताकि सुझाव लिए जा सकें। आनलाइन बैठक में बोर्ड की शिक्षक संघ की सहमति न बनने के चलते अब सोमवार को धर्मशाला शिक्षा बोर्ड कार्यालय में बैठक करने का निर्णय लिया गया है।

शिक्षक संघ प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने बताया कि शिक्षा बोर्ड चेयरमैन का तर्क है कि उन्होंने 120 विषय विशेषज्ञों से सुझाव लिए हैं, लेकिन वह स्पष्ट करें कि टर्म सिस्टम को लागू करने के लिए बोर्ड ने शिक्षक संघों के साथ कितनी बैठकें अभी तक की हैं। यदि नहीं की तो बोर्ड चेयरमैन बताएं कि अब क्या जरूरत महसूस हुई कि शिक्षक संघों के साथ एकाएक वर्चुअली बैठक का आयोजन करना पड़ा।

अच्छा होता यदि नई शिक्षा नीति को हिमाचल प्रदेश में पूरी तैयारी के साथ लागू किया जाता और इससे पहले शिक्षक संघों और शिक्षाविदों के साथ कई दौर की बैठकें हो जाती जो कि नहीं हो पाई हैं। उन्होंने यह बात भी स्पष्ट कर दी है कि सोमवार को होने वाली बैठक सामान्य नहीं होगी, बल्कि हंगामेदार होगी। इसका कारण यह है कि शिक्षा बोर्ड ने शिक्षाविदों नहीं बल्कि राजनेताओं के सुझावों के आधार पर छात्रों का सिलेबस तैयार किया है, जो शिक्षा प्रणाली पर सवालिया निशान पैदा करता है।

chat bot
आपका साथी