Private School Cheating : निजी स्कूल ने फर्जी रोल नंबर देकर छात्राओं से किया धोखा, न रिजल्ट आया न बोर्ड में मिला कोई रिकार्ड
धर्मपुर उपमंडल के भराड़ी स्थित एक प्राइवेट स्कूल ने तीन छात्राओं का भविष्य बर्बाद कर दिया। स्कूल प्रबंधक ने इन तीनों छात्राओं से दसवीं कक्षा की फीस पूरी ली लेकिन बोर्ड परीक्षा के लिए जाली रोल नंबर दे दिए और कोई रिकार्ड बोर्ड में जमा नहीं करवाया।
सरकाघाट, संवाद सहयोगी। Private School Cheating, धर्मपुर उपमंडल के भराड़ी स्थित एक प्राइवेट स्कूल ने तीन छात्राओं का भविष्य बर्बाद कर दिया। स्कूल प्रबंधक ने इन तीनों छात्राओं से दसवीं कक्षा की फीस पूरी ली, लेकिन बोर्ड परीक्षा के लिए जाली रोल नंबर दे दिए और कोई रिकार्ड बोर्ड में जमा नहीं करवाया। मामले का पता चलने पर विभागीय जांच में भी आरोप सही पाए गए हैं।
धोखाधड़ी का पता अभिभावकों को तब चला जब दसवीं कक्षा का परिणाम घोषित हुआ। जो रोल नंबर इन बच्चों को दिए गए थे वे कहीं भी रिजल्ट में नहीं पाए गए। तीन महीने तक अभिभावक स्कूल के चक्कर काटते रहे, लेकिन उनको दसवीं पास के सर्टिफिकेट नहीं मिले। अभिभावकों ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर की।
अभिभावक तरसेम कुमार ने आरोप लगाया है कि उनकी बच्चियों आकांक्षा, रुचि और कशिश ने शिवालिक पब्लिक स्कूल भराड़ी, सजाओपिपलू में दसवीं कक्षा में दाखिला लिया था। इससे पहले वह स्पेक्ट्रम पब्लिक स्कूल डरवाड़ में पढ़ती थीं। दाखिले के बाद बोर्ड के एग्जाम के लिए बाकायदा उन्होंने फीस दी थी। बोर्ड का पहला पेपर ङ्क्षहदी का था और कुल 37 बच्चों को रोल नंबर जारी किए गए थे। उन्होंने पेपर भी स्कूल में ही दिया था। कोरोना के चलते ङ्क्षहदी के पेपर के बाद कोई भी पेपर नहीं हुए और बच्चों को प्रमोट कर दिया गया। उनको सर्टिफिकेट नहीं दिया गया, तो शक होने पर प्रधान के साथ स्कूल गए।
ङ्क्षप्रसिपल ने डाक पहुंचने का बहाना बनाना और आनाकानी करने लगा। इसके बाद उन्होंने इसकी लिखित शिकायत विभाग को दी। इसके बाद जांच में पाया गया कि निजी स्कूल प्रबंधन ने इन तीन बच्चों से पेपर नहीं लिए हैं और इनकी कोई भी एडमिशन बोर्ड में नहीं हुई। रोल नंबर भी फर्जी थे। अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
अभिभावकों के तमाम आरोप सही हैं । प्राइवेट स्कूल प्रबंधन ने फर्जी रोल नंबर दिए थे। बोर्ड में इनका कोई भी रिकार्ड जमा नहीं करवाया गया था। जांच रिपोर्ट डायरेक्टर को सौंप दी गई है।
-भोलादत्त कश्यप, जांच अधिकारी एवं प्रधानाचार्य
इन बच्चों के अभिभावकों ने जो एसएलसी जमा करवाया था वह स्कूल 2018 में ही बंद हो चुका था जिस कारण उनसे बोर्ड के पेपर नहीं दिलवाए जा सके हैं। अभिभावकों के साथ मिल बैठकर मामला सुलझा लिया जाएगा।
-महेंद्र ङ्क्षसह ,चेयरमैन शिवालिक पब्लिक स्कूल