Himachal Coronavirus News: राहत की खबर, हिमाचल में 98 फीसद सैंपल में नहीं मिला कोरोना वायरस
Himachal Pradesh Coronavirus News हिमाचल प्रदेश में शनिवार को 20639 सैंपल की जांच हुई जिनमें से 98.21 फीसद में कोरोना वायरस नहीं पाया गया। कोरोना के केवल 370 नए पाॅजिटिव केस आए जबकि 17 की मौत हुई है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Coronavirus News, हिमाचल प्रदेश में शनिवार को 20,639 सैंपल की जांच हुई, जिनमें से 98.21 फीसद में कोरोना वायरस नहीं पाया गया। कोरोना के केवल 370 नए पाॅजिटिव केस आए, जबकि 17 की मौत हुई है। प्रदेश में कोरोना को मात देकर 830 लोग स्वस्थ हुए हैं। रिकवरी रेट 95.56 हो गया है। आठ जिलों में कोरोना के 500 से कम केस हो गए हैं। कोरोना एक्टिव केस 5402 ही रह गए हैं। शिमला में चार, चंबा, सिरमौर, सोलन, कांगड़ा, मंडी में दो-दो, हमीरपुर, ऊना, कुल्लू में एक-एक की मौत हुई है। कांगड़ा में 116, मंडी में 60, चंबा में 33, सिरमौर में 32, ऊना में 25, शिमला में 24, सोलन में 23, बिलासपुर में 17, हमीरपुर में 15, किन्नौर में 10, कुल्लू में आठ और लाहुल स्पीति में सात नए मामले आए हैं। उधर, मंडी जिला में एनटीपीसी के जमथैल प्रोजेक्ट के आठ कर्मचारी पाजिटिव पाए गए हैं।
ब्लैक फंगस से एक की मौत
इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आइजीएमसी) शिमला में हमीरपुर निवासी 53 वर्षीय मरीज ने गंभीर संक्रमण के साथ ब्लैक फंगस के चलते दम तोड़ा दिया।
कुल्लू में एक महिला की मौत, आठ संक्रमित
कुल्लू। जिला कुल्लू में शनिवार को ढालपुर की महिला की मौत हो गई महिला सात जून को पॉजिटिव आई थी और इसके बाद क्षेत्रीय अस्पताल में इलाज चल रहा था। जहां पर आज सुबह महिला की मौत हो गई। जिला में मौत के मामलों पर अंकुश नहीं लग रहा है। जबकि संक्रमित लोगों के आने की रफ्तार थम गई है। जिला में आज 1413 सैंपल लिए थे जिसमें मात्र आठ लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। ऐसे में राहत की बात है कि जिला में कोरोना का कहर थम सा गया है। लेकिन अभी ढ़ील नहीं बरतनी होगी अन्यथा मामलों में बढ़ोतरी भी हो सकती है। अब तक जिला में 8664 लोग पॉजिटिव आ चुके हैं इसमें 8231 लोग स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं। आज 37 लोगों ने कोरोना को मात देकर स्वस्थ हुए हैं। मौत का आंकड़ा 156 पहुंच चुका है। कोरोना के मामले कम आने और ठीक होने वालों की संख्या में बढ़ोतरी लगातार योग प्रणायाम भी माना जा रहा है। मामले की पुष्टि सीएमओ कुल्लू डा. सुशील चंद्र ने की है।