कांग्रेस को नाराज नेताओं का नहीं, भितरघातियों का डर, अब स्थानीय नेताओं को भी सौंपी जा रही जिम्मेदारी

Himachal By Elections सत्ता का सेमीफाइनल जीतने मैदान में उतरी प्रदेश कांग्रेस को नाराज नेताओं का नहीं बल्कि भितरघातियोंं का डर सता रहा है। पार्टी चारों सीटों पर जीत का दावा कर रही है। उपचुनाव की घोषणा से पहले पार्टी गुटों में बंटी हुई नजर आ रही थी।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 06:28 AM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 07:29 AM (IST)
कांग्रेस को नाराज नेताओं का नहीं, भितरघातियों का डर, अब स्थानीय नेताओं को भी सौंपी जा रही जिम्मेदारी
प्रदेश कांग्रेस को नाराज नेताओं का नहीं बल्कि भितरघातियोंं का डर सता रहा है।

शिमला, अनिल ठाकुर। Himachal By Elections, सत्ता का सेमीफाइनल जीतने मैदान में उतरी प्रदेश कांग्रेस को नाराज नेताओं का नहीं बल्कि भितरघातियोंं का डर सता रहा है। पार्टी चारों सीटों पर जीत का दावा कर रही है। उपचुनाव की घोषणा से पहले पार्टी गुटों में बंटी हुई नजर आ रही थी। उपचुनाव की घोषणा होते ही सभी नेता एकजुट होकर प्रचार में उतरे हैं। बावजूद इसके पार्टी को भितरघात का खतरा सता रहा है। बड़े नेताओं के साथ जिला व ब्लाक स्तर के नेताओं खासकर नाखुश नेताओं की मूवमेंट पर भी नजर रखी जा रही है। पार्टी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। बड़े नेताओं को चुनाव में पर्यवेक्षक लगाया है तो कांग्रेस समर्थित पार्षद, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य से लेकर प्रधान और जिला व ब्लाक पदाधिकारियों को भी अब चुनावी जिम्मेदारी सौंपी है, ताकि वह अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें और प्रचार को धार दें।

अर्की में हुई थी बगावत, मंडी में उठे थे विरोध के स्वर

कांग्रेस में टिकट के लिए केवल अर्की विधानसभा सीट पर ही बगावत दिखी। बगावत करने वाले नेता ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया। पार्टी यहां पर देख रही है कि त्यागपत्र देने वाले नेता की क्या मूवमेंट है। पार्टी के अन्य नेता व पदाधिकारी कहीं उनके साथ मिलकर दूसरे प्रत्याशियों के साथ प्रचार तो नहीं कर रहे हैं। इन नेताओं के संपर्क में कौन लोग हैं। पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के निधन के बाद यह सीट खाली हुई है। ऐसे में पार्टी किसी भी कीमत पर यहां चुनाव जीतना चाहती है। इसी तरह मंडी में भी टिकट से पहले विवाद हुआ था। पंडित सुखराम अपने पोते के लिए टिकट की पैरवी कर रहे थे। प्रतिभा सिंह को टिकट मिलने के बाद आश्रय शर्मा ने कांग्रेस के एक नेता के खिलाफ बयानबाजी भी की थी। पार्टी ने आश्रय शर्मा को आब्जर्वर लगाया है। पार्टी यह भी देख रही है कि वह क्या आब्जर्वर का कार्य कर रहे हैं या नहीं। इसके अलावा जिन नेताओं को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, उनकी किस दिन क्या मूवमेंट रही इस पर भी नजर रखी जा रही है।

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