हिमाचल उपचुनाव: चुनाव प्रचार में श्रद्धांजलि व कारगिल युद्ध के बाद अब रावण की एंट्री, पढ़ें पूरा मामला

Himachal By Elections संसदीय क्षेत्र मंडी में चुनाव प्रचार के जोर पकड़ते ही नेताओं के बोल बिगड़ने लगे हैं। श्रद्धांजलि कारगिल युद्ध के बाद अब बात रावण तक पहुंच गई है। नेताओं के बिगड़े बोलों से जनता असमंजस में हैं।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 12:35 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 12:35 PM (IST)
हिमाचल उपचुनाव: चुनाव प्रचार में श्रद्धांजलि व कारगिल युद्ध के बाद अब रावण की एंट्री, पढ़ें पूरा मामला
संसदीय क्षेत्र मंडी में चुनाव प्रचार के जोर पकड़ते ही नेताओं के बोल बिगड़ने लगे हैं।

मंडी, हंसराज सैनी। Himachal By Elections, संसदीय क्षेत्र मंडी में चुनाव प्रचार के जोर पकड़ते ही नेताओं के बोल बिगड़ने लगे हैं। श्रद्धांजलि, कारगिल युद्ध के बाद अब बात रावण तक पहुंच गई है। नेताओं के बिगड़े बोलों से जनता असमंजस में हैं। रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े मुद्दे चुनाव में पूरी तरह से गौण होने से मतदाता असमंजस में हैं। चुनाव प्रचार सेना एवं सैनिक बनाम महिला सम्मान तक सीमित होकर रह गया है। जनजातीय क्षेत्र किन्नाैर, भरमौर, लाहुल-स्पीति का दौरा करने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंडी जिला में डेरा डाल लिया है।

मुख्यमंत्री रोजाना एक एक हलके में तीन से चार चुनावी सभा कर भाजपा के पक्ष में हवा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रदेश भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने यहां मोर्चा संभाल रखा है। अविनाश राय खन्ना रूठे नेताओं व कार्यकर्ताओं काे मनाने में लगे हुए हैं।

सुरेश कश्यप त्रिदेव की बैठक कर कार्यकर्ताओं में जोश भर रहे हैं। चुनाव प्रचार की दृष्टि से भाजपा यहां आगे चल रही है। एक माह में मुख्यमंत्री संसदीय क्षेत्र के सभी 17 हलकों का दौरा कर चुके हैं। स्थानीय विधायकों के अलावा भाजपा ने यहां अन्य जिलों के विधायकों, विभिन्न निगमों व बोर्डों के अध्यक्ष,उपाध्यक्ष व संगठन के पदाधिकारियों को मोर्चे पर झोंक रखा है। संगठन मंत्री, विस्तारक भी पूरी तरह से सक्रिय है। पन्ना प्रमुख व बूथ पालकों ने बूथों पर मोर्चा संभाल लिया है।

चुनाव प्रचार में वैसे तो कांग्रेस ने भी नेताओं की फौज उतार रखी है। लेकिन उनकी हालत जंगल में मोर नाचा किसने देखा वाली है। कांग्रेस के बड़े नेता होटल से बाहर नहीं निकल रहे हैं। हालांकि कांग्रेस के कार्यकर्ता जमीनी स्‍तर पर जुटे हुए हैं। वहीं, भाजपा के कार्यकर्ता घर घर जाकर एक एक मतदाता के पास दस्तक दे रहे हैं।

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