Himachal By Election: कहीं भारी न पड़े तेल की फिसलन, जानिए क्‍या बन रहे हैं समीकरण

Himachal By Election मंडी संसदीय उपचुनाव में महंगे खाद्य तेल की फिसलन किस पर भारी पड़ेगी जनता 30 अक्टूबर को इस बात पर मुहर लगाएगी। उपचुनाव प्रचार में खाद्य तेल का मुद्दा पूरी तरह छाया रहा। इस बार पिछड़े व दुर्गम क्षेत्रों से रोचक नतीजे देखने को मिलेंगे।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 12:47 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 12:47 PM (IST)
Himachal By Election: कहीं भारी न पड़े तेल की फिसलन, जानिए क्‍या बन रहे हैं समीकरण
उपचुनाव में महंगे खाद्य तेल की फिसलन किस पर भारी पड़ेगी जनता 30 अक्टूबर को इस बात पर मुहर लगाएगी।

मंडी, हंसराज सैनी। Himachal By Election, मंडी संसदीय उपचुनाव में महंगे खाद्य तेल की फिसलन किस पर भारी पड़ेगी जनता 30 अक्टूबर को इस बात पर मुहर लगाएगी। उपचुनाव प्रचार में खाद्य तेल का मुद्दा पूरी तरह छाया रहा। इस बार पिछड़े व दुर्गम क्षेत्रों से रोचक नतीजे देखने को मिलेंगे। सत्ता पक्ष के लिए यह सेमीफाइनल उतना आसान नहीं दिख रहा, जितना माना जा रहा था। 2019 की तरह मुकाबला एकतरफा नहीं है। नतीजा चाहे जो मर्जी हो, कांग्रेस ने जिस मकसद से प्रतिभा सिंह को उपचुनाव के दंगल में उतारा था उसमें फिलहाल पार्टी कामयाब होती दिख रही है। उपचुनाव से पहले कई धड़ों में बंटी कांग्रेस एकसूत्र में नजर आई।

कार्यकर्ता से लेकर वरिष्ठ नेता तक प्रचार के दौरान प्रतिभा सिंह के साथ खड़े दिखे। करीब ढाई साल पहले हुए लोकसभा चुनाव में मुकाबला एकतरफा रहा था। भाजपा ने कांग्रेस को चारों खाने चित किया था। कांग्रेस संसदीय क्षेत्र के 17 हलकों से एक में भी बढ़त नहीं ले पाई थी। इस बार फिजा बदली-बदली सी है। कांग्रेस ने सभी 17 हलकों में चुनावी सभाएं कर लोगों का समर्थन जुटाने की कोशिश की, लेकिन उम्मीद की किरण पिछड़े व दुर्गम क्षेत्र ही रहे। कांग्रेस ने भरमौर, लाहुल-स्पीति, किन्नौर, आनी, बंजार, रामपुर, करसोग में पूरी ताकत झोंक रखी। कुल्लू जिले के चारों हलकों से कांग्रेस को चमत्कार की उम्मीद है।

श्रद्धांजलि व कारगिल युद्ध से शुरू हुआ चुनाव प्रचार कुछ दिन अवश्य भटका। कारगिल युद्ध पर बयान से कांग्रेस को नुकसान भी हुआ। गलती का अहसास होते ही कांग्रेस ने महंगाई व बेरोजगारी का ब्रह्मास्त्र चला दिया। इसके आगे सत्ताधारी दल बेबस नजर आया। पेट्रोल, डीजल व सरसों के तेल की माला जपकर कांग्रेस काफी हद तक मतदाताओं को यह समझाने में सफल रही कि तेल सच में खेल बिगाड़ सकता है। जिन बड़े मुद्दों पर दोनों दल हर चुनाव में राजनीतिक रोटियां सेंकते थे वे पूरी तरह गौण नजर आए। कहीं भी द्रंग नमक संयंत्र, भुभु व जलोड़ी जोल टनल की बात सुनने को नहीं मिली। अंदरखाते सत्ताधारी दल के लोग भी यह मान रहे हैं कि तेल कहीं खेल न बिगाड़ दें। भाजपा की उम्मीद यहां मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर टिकी है और कांग्रेस को तेल में रोशनी की किरण नजर आ रही है।

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