अब मर्जी का गणित पढ़ेंगे 10वीं के विद्यार्थी

HP board change math sylabuss as student choice अगले शैक्षणिक सत्र से दसवीं के विद्यार्थी मर्जी से गणित विषय पढ़ सकेंगे।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Tue, 23 Apr 2019 10:38 AM (IST) Updated:Tue, 23 Apr 2019 10:35 PM (IST)
अब मर्जी का गणित पढ़ेंगे 10वीं के विद्यार्थी
अब मर्जी का गणित पढ़ेंगे 10वीं के विद्यार्थी

धर्मशाला, मुनीष गारिया। अगले शैक्षणिक सत्र से दसवीं के विद्यार्थी मर्जी से गणित विषय पढ़ सकेंगे। अगर इच्छा हो तो त्रिकोणमिती और अन्य व्यावसायिक अध्ययनों से जुड़े पाठों से भी छुटकारा पा सकेंगे। स्कूल शिक्षा बोर्ड दसवीं के गणित पाठ्यक्रम में बदलाव करने जा रहा है। यही नहीं इस सत्र के मार्च 2020 में होने वाली वार्षिक परीक्षाओं के पेपर भी अलग तरीके से सेट किए जाएंगे। हर विषय के प्रश्नपत्र को तीन भागों में बांटकर सेट किया जाएगा। इसके लिए बोर्ड शिक्षा विभाग से समन्वय कर प्रदेशभर में कार्यशालाएं आयोजित करेगा और बोर्ड की ओर से तय किए गए प्रारूप पर शिक्षकों के सुझाव भी लेगा।

अगले सत्र से दसवीं कक्षा के दो प्रकार के गणित विषय होंगे। पहला बेसिक हिसाब होगा, जबकि दूसरे में लेखांकन के व्यावसाय कार्य करने में प्रयोग होने वाले पाठ शामिल होंगे। विद्यार्थी दोनों गणितों में से किसी एक को चुन सकेगा। बोर्ड ने यह फैसला इसलिए लिया है, क्योंकि मौजूदा पाठ्यक्रम के बहुत से ऐसे पाठ हैं जो एक सामान्य व्यक्ति या लेखांकन के व्यवसाय से न जुड़े व्यक्ति के जीवन में कभी प्रयोग नहीं होते हैं, फिर भी उन्हें पढऩा पड़ता है। जमा दो के पाठ्यक्रम में कोई छेड़छाड़ नहीं होगी।

क्या है बेसिक गणित

इस गणित की पुस्तक में रोजमर्रा में प्रयोग होने वाले हिसाब-किताब का पाठ्यक्रम होगा। जैसे एचसीएल, एलसीएम, अनुपात, ब्याज, दर, दूरी व समय जैसे पाठ शामिल होंगे।

स्टैंडर्ड गणित

अगर कोई जमा एक के वाणिज्य संकाय में पढऩा चाहता है या फिर गणित का अच्छे से अध्ययन करना चाहता है उसके लिए स्टैंडर्ड मैथ होगा। इसमें त्रिकोणमिती,  बारमंवार्ता वंटनसारिणी, आंकड़े, अंक गणित सहित अन्य कठिन तरीके का पाठ्यक्रम होगा।

इस तरह सेट होगा पेपर

इस सत्र की वार्षिक परीक्षाओं में शिक्षा बोर्ड हर विषय के प्रश्नपत्र को तीन भागों में बांटेगा। प्रश्नपत्र में विषय से संबंधित 40 फीसद आसान प्रश्न होंगे। इसके अलावा 40 फीसद रचनात्मक एवं भावात्मक उत्तरों वाले प्रश्न व 20 प्रतिशत प्रश्न विषय से जुड़े बिल्कुल कठिन श्रेणी के होंगे।

गणित विषय में बहुत से ऐसे पाठ होते हैं जो सामान्य व्यक्ति के जीवन में कभी प्रयोग नहीं होत हैं, फिर भी बच्चों को स्कूल में पढऩा पड़ता है। ऐसे पाठों को सामान्य पाठ्यक्रम से हटाने के लिए अगले सत्र से ऑप्शनल गणित शुरू होगा। इसके अलावा पेपर सेटिंग भी नए तरीके से होगा और इसके लिए शिक्षकों से सुझाव लिए जाएंगे। -डॉ. सुरेश कुमार सोनी, अध्यक्ष स्कूल शिक्षा बोर्ड

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