हिमाचल के सबसे बड़े अस्‍पताल की नई ओपीडी तैयार, एनजीटी की मंजूरी के कारण नहीं मिल रही सुविधा

Himachal Pradesh Hospital आइजीएमसी शिमला में न्यू ओपीडी खुलने व इलाज करवाने के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। अभी तक इसे नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से स्वीकृति नहीं मिली है। इसके लिए अभी का इंतजार करना होगा।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 06:47 AM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 07:36 AM (IST)
हिमाचल के सबसे बड़े अस्‍पताल की नई ओपीडी तैयार, एनजीटी की मंजूरी के कारण नहीं मिल रही सुविधा
आइजीएमसी शिमला में न्यू ओपीडी खुलने व इलाज करवाने के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।

शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Pradesh Hospital, आइजीएमसी शिमला में न्यू ओपीडी खुलने व इलाज करवाने के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। अभी तक इसे नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से स्वीकृति नहीं मिली है। इसके लिए अभी का इंतजार करना होगा। एनजीटी से न्यू ओपीडी भवन को अभी तक पूरी तरह से क्लीयरेंस नहीं मिली है। अस्पताल एनजीटी से क्लीयरेंस के लिए औपचारिकताएं पूरी करने में जुटा हुआ है। क्लीयरेंस मिलने के बाद ही ओपीडी खुलने का रास्ता साफ हो सकता है। न्यू ओपीडी का काम लगभग पूरा हो चुका है। इसमें अस्पताल की 33 ओपीडी को शिफ्ट किया जाना है। इसके बाद अस्पताल में रुटीन का चैक करवाने के लिए आने वाले लोगों को भीड़ से नहीं जूझना होगा। इससे मरीजों और तीमारदारों के बैठने व चेकअप करवाने सहित टेस्ट की उचित व्यवस्था होगी।

एक ही जगह पर होगी टेस्ट सुविधा

अस्पताल में टेस्ट करवाने के लिए एक ही जगह तैयार की गई है। जहां मरीज सभी प्रकार के टेस्ट करवा सकते हैं। निश्चित समय में रिपोर्ट ले सकते हैं। अस्पताल के पुराने ब्लाकों में मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए भटकना पड़ता है। जगह की कमी के कारण पुराने ब्लाकों में अलग-अलग स्थानों पर यह सुविधाएं दी जाती हैं। न्यू ब्लाक में यह सुविधाएं एक ही जगह मिलने से मरीजों का समय बचेगा।

हर स्तर पर उठा रहे हैं मामले

डा. जनक राज ने बताया कि वो लगा तार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से से मामला उठा रहे हैं। सरकार भी लगातार इसके लिए लगातातर संपर्क किया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही इसे हरी झंडी मिल जाएगी। न्यू ओपीडी शुरू होने के बाद अस्पताल में काफी जगह खुल जाएगी। अस्पताल में उचित शारीरिक दूरी के नियम का पालन हो सकेगा। इससे अस्पताल में संक्रमण का खतरा घटेगा।

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