बीडीसी के बजट प्रस्ताव में नियमों के उल्लंघन पर हाईकोर्ट ने जवाब मांगा

प्रदेश हाईकोर्ट ने बीडीसी के बजट प्रस्ताव (शेल्फ) में 15वें वित्त आयोग के निर्देशों का उल्लंघन कर फेरबदल करने के मामले में मुख्य सचिव अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) प्रधान सचिव (पंचायती राज) उपायुक्त कुल्लू खंड विकास अधिकारी आनी एवं बीडीओ आनी के पंचायत निरीक्षक को नोटिस जारी किया है।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 09:28 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 09:28 PM (IST)
बीडीसी के बजट प्रस्ताव में नियमों के उल्लंघन पर हाईकोर्ट ने जवाब मांगा
बीडीसी के बजट प्रस्ताव में नियमों की अनदेखी पर हाईकोर्ट ने जवाब मांगा।

शिमला, विधि संवाददाता। प्रदेश हाईकोर्ट ने बीडीसी के बजट प्रस्ताव (शेल्फ) में 15वें वित्त आयोग के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए कथित फेरबदल करने के मामले में प्रदेश के मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त), प्रधान सचिव (पंचायती राज), उपायुक्त कुल्लू, खंड विकास अधिकारी आनी एवं खंड विकास कार्यालय आनी के पंचायत निरीक्षक को नोटिस जारी किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने ब्लाक के पांच सदस्यों की ओर से मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र पर स्वत: संज्ञान लेने वाली याचिका पर यह आदेश पारित किया।

याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि 15वें वित्त आयोग की ओर से खंड विकास समिति के सभी सदस्यों के लिए बजट उपलब्ध कराया गया था और उन्होंने इस संबंध में योजना का शेल्फ तैयार कर अनुमोदन के लिए पंचायत निरीक्षक के पास भेजा। हालांकि, बीडीसी के अध्यक्ष ने पंचायत निरीक्षक के साथ मिलकर पूरे बजट शेल्फ में फेरबदल किया, जो याचिकाकर्ताओं द्वारा तैयार किया गया था और याचिकाकर्ताओं का हिस्सा अन्य सदस्यों को अपने स्तर पर आवंटित किया गया था। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि जब इस बाबत स्पष्टीकरण जानना चाहा तो अध्यक्ष कोई ठोस स्पष्टीकरण नहीं दे सका, सिवाय इसके कि सदन के बहुमत द्वारा निर्णय लिया गया था।

नालागढ़ में पानी दूषित होने पर भी लिया संज्ञान

हाईकोर्ट ने एक अन्य मामले में नालागढ़ के माजरा गांव में स्थापित शिवालिक सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के कारण आसपास के क्षेत्रों के कुओं और बोरवेल का पानी दूषित होने पर कड़ा संज्ञान लेते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव, सदस्य सचिव, राज्य पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उपायुक्त सोलन को नोटिस जारी किया है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने यह आदेश ग्राम माजरा के जोगिंदर सिंह की ओर से मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र पर संज्ञान लेने वाली जनहित याचिका पर पारित किया। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि शिवालिक सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट गांव मजरा में 15 साल पहले पंचायत को गुमराह कर अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल करने के बाद स्थापित किया गया था। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि उक्त संयंत्र में ठोस कूड़े-कचरे को बिना उचित ढंग के मिट्टी के नीचे ढककर 15 साल से डाला जा रहा है। अब गांव के प्राकृतिक जल स्रोतों का पानी इस संयंत्र के रासायनिक द्रव्य युक्त पानी से जहरीला हो गया है और इसके परिणामस्वरूप पानी से दुर्गंध आ रही है। आरोप लगाया है कि ग्रामीणों ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ कई अन्य उच्च अधिकारियों को भी शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यही नहीं इस पानी की वजह से उनके मवेशियों की मौत हो रही है। ग्रामीण भी कई गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। मामले पर सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।

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