दो साल में ही बंद हो गई हिमानी चामुंड़ा में हैली टैक्सी सेवा, सरकार जल्द करवाए शुरू
धार्मिक ओर ऐतिहासिक महत्व रखने वाली आदि हिमानी चामुंड़ा मंदिर के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाओं को साकार करने का बीड़ा उठाया ताकि धार्मिक ही नहीं पर्यटन की दृष्टि से भी इस क्षेत्र को विकसित किया जाए। शायद यह मां को मंजूर नहीं था।
योल, सुरेश कौशल। धार्मिक ओर ऐतिहासिक महत्व रखने वाली आदि हिमानी चामुंड़ा मंदिर के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाओं को साकार करने का बीड़ा उठाया, ताकि धार्मिक ही नहीं पर्यटन की दृष्टि से भी इस क्षेत्र को विकसित किया जाए। शायद यह मां को मंजूर नहीं था। सबसे पहले सरकार ने पर्यटन को पंख लगाने के लिए हिमानी चामुंड़ा मंदिर को हैली टैक्सी सेवा का शुभारंभ किया, लेकिन दो साल बाद ही हैली टैक्सी सेवा बंद हो गई थी।
वास्तव में दस हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित धौलाधार पर्वत श्रंखला की तलहटी में चंद्रधार पर आदि हिमानी चामुंड़ा पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल बन सकता है। बशर्ते 14 किलोमीटर की दूरी को कम किया, लेकिन ऐसा आज तक हो नहीं पाया। टैक्सी सेवा सबसे सुगम जरिया था यहां पहुंचने का, जिसका सही संतुलन न बन पाने से दो साल बाद ही योजना धरी की धरी रह गई।
अक्टूबर 2014 के दौरान दिल्ली की आर्यन एविएशन कंपनी ने डाढ़ मेला मैदान में हैलीपैड तैयार कर हिमानी चामुंड़ा को हैली टैक्सी सेवा शुरू करने का बीड़ा उठाया। मौसम की खराबी के कारण सफल उडाने न हो सकी। अप्रैल 2016 में फिर ट्रायल शुरू की लेकिन डाढ़ पंचायत ने जमीन देने से इनकार करने पर आर्यन एविएशन कंपनी छोड़ कर चली गई।
मई 2016 के दौरान दिल्ली की ही सुमित एविएशन कंपनी ने नवंबर तक सफल उड़ाने भरी, लेकिन किराया ज्यादा होने तथा पंचायत के साथ सामंजस्य न बन पानी के कारण कंपनी ने सारा ताम झाम समेट लिया। बहराल ऐसा लगता है कि मां हिमानी चामुंड़ा को पैदल यात्रा ही रास आ रही है। वहीं उपनिदेशक पर्यटन विभाग कांगड़ा सुनयना शर्मा ने बताया कि आदि हिमानी चामुंडा मंदिर के लिए हैली टैक्सी सेवा कुछ कारणों से सफल नहीं हो पाई, अब भविष्य में इसका कोई प्रस्ताव नहीं है।
उधर आयर्न एविएशन कंपनी दिल्ली प्रभारी कर्नल वेद शर्मा ने बताया कि हैलीपैड के लिए पंचायत ने जमीन देने से मना कर दिया इसी वजह से उड़ाने न हो सकी। यदि सरकार फिर सेवा का मौका देती है तो कंपनी तैयार है।