लगातार बारिश से सड़ने के कगार पर पहुंची गेहूं, खड़ी फसल में अनाज के काला पड़ने का खतरा

Wheat Crops उपमंडल नूरपुर में बिगड़े मौसम के कारण हो रही झमाझम बारिश किसानों की पकी हुई गेहूं की फसल के लिए कहर बन गई है। एक सप्ताह में बुधवार को तीसरी बार आसमान से आफत की बूंदें बरस कर किसानों को भारी मुश्किलें पैदा कर रही है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 11:42 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 11:42 AM (IST)
लगातार बारिश से सड़ने के कगार पर पहुंची गेहूं, खड़ी फसल में अनाज के काला पड़ने का खतरा
उपमंडल नूरपुर में झमाझम बारिश किसानों की पकी हुई गेहूं की फसल के लिए कहर बन गई है।

जसूर, संवाद सहयोगी। Wheat Crops, उपमंडल नूरपुर में बिगड़े मौसम के कारण हो रही झमाझम बारिश किसानों की पकी हुई गेहूं की फसल के लिए कहर बन गई है। आलम यह है कि क्षेत्र में 80 फीसद फसल खेतों में खड़ी है, जिस पर बीते एक सप्ताह में बुधवार को तीसरी बार आसमान से आफत की बूंदें बरस कर किसानों को भारी मुश्किलें पैदा कर रही है। किसानों के अनुसार असिंचित क्षेत्र में जब फसल को बारिश की जरूरत थी तो जनवरी से मार्च माह तक लगातार सूखे की स्थिति बनी रही और इस कारण क्षेत्र में फसल करीब 15 दिन पहले ही सूख गई। जिसे किसानों ने काटना शुरू किया था, तो अब फसल को समेटने के लिए बिगड़ा मौसम किसानों की भारी परेशानियों का कारण बन गया है।

हालात यह हैं कि बीते एक सप्ताह में बुधवार को तीसरी बार हुई बारिश ने किसानों की मेहनत की कमाई पर जमकर पानी बरसाया है। इस कारण फसल की कटाई का कार्य भी बाधित हुआ है। पक्की हुई फसल पर लगातार हो रही भारी बारिश से खेतों में गेहूं सड़ने के कगार पर पहुंच गई है। वहीं, अनाज पर भी काला पड़ने का खतरा मंडरा रहा है।

जिला में करीब 94 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल उगाई जाती है, जिसमें करीब 34 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित व करीब 60 हजार हेक्टेयर भूमि असिंचित है, लेकिन इस बार क्षेत्र में मौसम के लगातार खुश्क रहने से फसल 15 दिन पहले ही सूख गई और अब लगातार बिगड़ रहा मौसम किसानों के लिए आफत बना हुआ है।

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