बैजनाथ के समीप घट्टा के जंगल में लगी आग

कांगड़ा-मंडी जिलों की सीमा घट्टा के जंगलों में शुक्रवार सुबह भीषण आग लग गई। इससे यहां वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है। साथ ही आग से कई वन्य जीवों की भी मौत हुई है। आग लगने से पूरे क्षेत्र में धुआं भर गया।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 05:36 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 05:36 PM (IST)
बैजनाथ के समीप घट्टा के जंगल में लगी आग
बैजनाथ के साथ लगते घट्टा के जंगल में आग बुझाते कर्मचारी। जागरण

बैजनाथ, संवाद सहयोगी। कांगड़ा-मंडी जिलों की सीमा घट्टा के जंगलों में शुक्रवार सुबह भीषण आग लग गई। इससे यहां वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है। साथ ही आग से कई वन्य जीवों की भी मौत हुई है। आग लगने से पूरे क्षेत्र में धुआं भर गया। इससे बैजनाथ के उपरी क्षेत्र के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। यह जंगल पठानकोट-मंडी नैशनल हाइवे के साथ लगता है। धुएं के कारण हाइवे से गुजर रहे वाहन सवारों को भी परेशानी हुई। आग लगने की सूचना मिलने के बाद वन विभाग की कई टीमें मौके पर पहुंच गई तथा आग पर काबू पाने के प्रयास तेज हुई। मगर तब तक काफी मात्रा में वन संपदा जलकर राख हो गई थी। यहां आग किसने लगाई थी, इसको लेकर वन विभाग की टीमों ने पूछताछ शुरू कर दी है। उधर, वन विभाग के मंडल अधिकारी नीतिन पाटिल ने बताया कि विभाग के कई कर्मचारी यहां आग बुझाने में जुटे थे तथा दोपहर तक आग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया था।

उधर, मंडी जिले के करसोग की सेरी रेंज के रिछली जंगल में शरारती तत्वों ने आग लगा दी। देखते ही देखते आग ने रिछली जंगल के सात हेक्टेयर क्षेत्र में वन संपदा को नुकसान पहुंचाया। वन विभाग ने इस रेंज में दो साल पहले देवदार के करीब पांच हजार पौधे रोपे गए थे। इन पौधों के साथ साथ बड़े पेड़ व जीव जंतु आग की चपेट में आने से झुलस गए। क्षेत्र में हवा चलने से आग साथ लगती मगरू रेंज तक पहुंच गई। करीब चार हेक्टेयर क्षेत्र में आग ने मगरू रेंज में खूब कहर बरपाया। सूचना मिलने पर वन विभाग के फील्ड स्टाफ व वनों को आग से बचाने के लिए पंचायत स्तर पर बनाई गई वन संरक्षण समिति के सदस्य  अन्य ग्रामीणों के साथ आग बुझाने के लिए पहुंच गए। वन विभाग के फील्ड स्टाफ के साथ मिल कर करीब पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। लेकिन अभी भी जंगल में कई स्थानों पर धुंआ उठ रहा है।

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