Conductor Recruitment Case : हाईकोर्ट में कंडक्टर भर्ती मामले की सुनवाई कल, 17 साल से न्याय का इंतजार
हिमाचल में कंडक्टर भर्ती में बड़े पैमाने पर धांधलियां हुई थीं लेकिन यह मामला कानूनी पेचदगियों में उलझ कर रह गया है। शिकायतकर्ता को भर्ती के 17 वर्ष बाद भी न्याय नहीं मिला है। अब सोमवार को हाईकोर्ट में इस संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई होगी।
शिमला, रमेश सिंगटा।
हिमाचल में कंडक्टर भर्ती में बड़े पैमाने पर धांधलियां हुई थीं, लेकिन यह मामला कानूनी पेचदगियों में उलझ कर रह गया है। शिकायतकर्ता को भर्ती के 17 वर्ष बाद भी न्याय नहीं मिला है। अब सोमवार को हाईकोर्ट में इस संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई होगी।
23 अगस्त को हाईकोर्ट में न्यायाधीश तिरलोक ङ्क्षसह चौहान, न्यायाधीश सत्येन वैद्य की कोर्ट में एडीजीपी विजिलेंस एसपी ङ्क्षसह, शिमला की एसपी डा. मोनिका ङ्क्षसह व्यक्तिगत तौर पर पेश हुए थे। समय पर जवाब दायर न करने के लिए उन्होंने कोर्ट में माफी मांगी थी।
विजिलेंस ने की थी एफआइआर दर्ज करने की सिफारिश
विजिलेंस जांच में धांधलियों से जुड़े आरोप सही पाए गए। इसके आधार पर जांच एजेंसी ने नियुक्तियां रद करने और एफआइआर दर्ज करने की सिफारिश की थी, लेकिन मामला सिफारिश से आगे नहीं बढ़ा। वर्ष 2017 में शिमला की कोर्ट ने एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिए। चार वर्ष से अधिक समय हो गया, लेकिन अभी तक भी पुलिस की जांच पूरी नहीं हो पाई है। एक वर्ष से यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है।
भर्ती में हुआ है गड़बड़झाला
पुलिस जांच से पता चला है कि भर्ती में बड़ा गड़बड़झाला हुआ है। इसमें विजिलेंस जांच पर मुहर लगी थी। 2004 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार कार्यकाल में भर्ती हुई थी। निगम में ट्रांसपोर्ट मल्टीपर्पस असिस्टेंट (टीएमपीए) यानी कंडक्टरों के 300 पद स्वीकृत किए गए थे, लेकिन भर्ती 378 पदों पर की गई। प्रदेश के चार मंडलों में मंडलीय प्रबंधकों को चयन कमेटी का अध्यक्ष बनाया था। उन्होंने चयनित अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट नहीं बनाई और न वेङ्क्षटग लिस्ट तैयार नहीं की। यही नहीं प्रबंधकों ने इंटरव्यू की शीट सील्ड कवर लिफाफे में नहीं भेजी, जबकि खुद निगम मुख्यालय पहुंचाई। मुख्यालय में अगस्त, 2004 में कथित तौर पर मेरिट लिस्ट बनाई गई।
24864 ने किया था आवेदन
दो अगस्त, 2003 में बीओडी की बैठक में निर्णय हुआ कि टीएमपीए के 300 पद भरे जाएंगे। इन्हें 2000 रुपये मासिक वेतन और दो फीसद तक टिकटों पर कमीशन मिलनी थी। 23 सितंबर को एमडी ने मंडलीय प्रबंधकों को पत्र लिखा, जिसमें 300 पद भरने के बात लिखी थी।
कब हुई परीक्षा
18 जनवरी, 2004 को लिखित परीक्षा हुई। इसमें 17890 अभ्यर्थियों ने भाग लिया। डीएम प्रशासन की अध्यक्षता में 14 जनवरी, 2004 को कमेटी बनी। इसका काम शिमला में आंसरशीट का मूल्यांकन करना था। मूल्यांकन के दौरान पाया कि 17890 में से 14107 अभ्यर्थियों ने परीक्षा में 50 फीसद और इससे अधिक अंक लिए। ये सभी इंटरव्यू में बैठने के लिए पात्र पाए गए।
कहां से कितने पास हुए
लिखित परीक्षा में इतने अभ्यर्थी पास हुए
शिमला मंडल
रिकांगपिओ,92
रामपुर,502
रोहडू़,606
शिमला,1557
सोलन,686
नाहन,736
कुल,4179
हमीरपुर मंडल
नालागढ़,337
ऊना,674
बिलासपुर,829
हमीरपुर,1007
देहरा,618
कुल,3465
धर्मशाला मंडल
धर्मशाला,1179
पालमपुर,583
बैजनाथ,459
पठानकोट,जसूर,714
चंबा,567
कुल,3502
मंडी मंडल-1666
मंडी,424
सुंदरनगर,394
कुल्लू,477
कुल,2961
कुल जोड़-14107
2003-04 में भर्ती हुई थी, तब से लेकर आज तक न्याय नहीं मिला है। अब हाईकोर्ट से उम्मीद है कि न्याय मिलेगा। सोमवार को सुनवाई होगी।
-जय कुमार, याचिकाकर्ता