मंत्री को पता ही नहीं अौर स्वास्थ्य सचिव ने आदेश कर दिए, राजीव सैजल ने जारी अधिसूचना पर लगाई रोक

Health Minister Rajiv Saizal कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए चिकित्सकों व नर्सिंग प्रशिक्षुओं को मानदेय देने के नाम पर मजाक करती हुई अधिसूचना से राज्यभर में चिकित्सक वर्ग और नर्सिंग स्टॉफ में नाराजगी है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल को जानकारी नहीं।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 08:11 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 08:23 AM (IST)
मंत्री को पता ही नहीं अौर स्वास्थ्य सचिव ने आदेश कर दिए, राजीव सैजल ने जारी अधिसूचना पर लगाई रोक
हिमाचल सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल

शिमला, राज्य ब्यूरो। Health Minister Rajiv Saizal, कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए चिकित्सकों व नर्सिंग प्रशिक्षुओं को मानदेय देने के नाम पर मजाक करती हुई अधिसूचना से राज्यभर में चिकित्सक वर्ग और नर्सिंग स्टॉफ में नाराजगी है। कोरोना संक्रमण महामारी से पैदा हुए हालात को लेकर स्वास्थ्य सचिव कौन से आदेश जारी कर रहे हैं, इसकी स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल को जानकारी नहीं। या फिर स्वास्थ्य सचिव स्वास्थ्य मंत्री को भरोसे में लिए बिना अधिसूचना जारी कर रहे हैं। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक के उपरांत मासिक मानदेय के आदेश पर रोक के मामले पर मोबाइल फोन पर जब स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि मानदेय संबंधी अधिसूचना पर रोक लगा दी है।

अब नए सिरे से कितना मासिक मानदेय दिया जाएगा, इस पर विचार-विर्मश किया जा रहा है। स्वास्थ्य सचिव की ओर से जारी इन आदेशों को लेकर चिकित्सक गुस्साए हुए हैं और इसी तरह से नर्सिंग के सभी वर्गों में रोष है। ऐसे में अब स्वास्थ्य सचिव की ओर से जारी अधिसूचना ने पूरी सरकार को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है।

यह किया था स्वास्थ्य सचिव ने

स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी की ओर से जारी अधिसूचना में प्रशिक्षु चकित्सकों को कोविड-19 ड्यूटी देने के लिए मासिक तीन हजार रुपये देने की घोषणा की गई थी। नर्सिंग प्रशिक्षुओं को पंद्रह सौ रुपये और इतनी ही धनराशि अनुबंध पर लैब स्टाफ के लिए प्रावधान किया गया था।

जानिए क्या कहते हैं पदाधिकारी सैमडीकॉड अध्यक्ष डॉक्टर राजेश सूद का कहना है डॉक्टरों ने कभी कुछ नहीं मांगा और न ही भविष्य में मांगेगी। लेकिन जब सरकार अपनी तरफ से कुछ देना चाहती है तो एक श्रमिक को मिलने वाली 350 रुपये दिहाड़ी से कम दे रही है। सरकार को डाॅक्टरों व अन्य संबंधित स्टॉफ के पद और गरिमा का ध्यान तो रखना चाहिए था। हम पहले भी काम कर रहे थे और आगे भी काम करते रहेंगे। हम नहीं समझते की ये समय सरकार की कमियां गिनाने का है। हमारा प्रोफेशन ऐसा है कि ऐसी विपदा में हमें आगे बढ़कर काम करना चाहिए। हिमाचल प्रदेश नर्सिंग एसोसिएशन की अध्यक्ष अरुणा लूथरा का कहना है इंसेंटिव देने के बजाए हमें सरकार अच्छी सुविधाएं प्रदान करे। कोरोना किसी में भेदभाव नहीं करेगा, चाहे डॉक्टर होगा या फिर नर्स। इसलिए कोरोना संक्रमित मरीज की देखरेख नर्स को ही करनी पड़ रही है और आगे भी करनी पड़ेगी। जो धनराशि अधिसूचित हुई है वह बहुत ही कम है। संक्रमित होने का सबसे बड़ा खतरा नर्सो के सामने है।

जानिए क्या कहते हैं मंत्री व नेता प्रतिपक्ष संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज का कहना है हर चीज निर्णय के लिए कैबिनेट बैठक में नहीं आती है। इस मामले में हमने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। दिल्ली सरकार क्या दे रही है, उससे तुलना नहीं की जा सकती है। ये विभाग के स्तर पर तय होगा। मंत्रिमंडल बैठक के बाद पत्रकारों के सवालों का जबाव देते हुए यह सबकुछ बोले। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा ये सामान्य समय में दी जाने वाली सेवाएं नहीं हैं। कोरोना महामारी में संक्रमितों का इलाज करना बेहद जोखिम भरा है। ऐसे में सरकार को प्रशिक्षु चिकित्सकों व नर्सिंग प्रशिक्षुओं को दिल्ली की तर्ज पर मानदेय देने का निर्णय लेना चाहिए। सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री को हमने इस विषय के संबंध में भी अवगत करवाया था।

chat bot
आपका साथी