धलूं पंचायत में स्वास्थ्य सुविधाओं की दरकार
सुरेश कौशल योल नगरोटा बगवां ब्लॉक की धलूं पंचायत में स्वास्थ्य सुविधाएं न होने से ग्रामीणों
सुरेश कौशल, योल
नगरोटा बगवां ब्लॉक की धलूं पंचायत में स्वास्थ्य सुविधाएं न होने से ग्रामीणों को या तो सीएचसी नगरोटा बगवां जाना पड़ता है या फिर स्थानीय निजी क्लीनिकों की ओर रुख करना पड़ता है। 1984 के दौरान धलूं पंचायत का पुर्नगठन होकर नई पंचायत पटियालकर बनी थी, उसी दौरान कुफर बल्ला में स्वास्थ्य उपकेंद्र बना था, लेकिन धलूं पंचायत जिसकी आबादी 2400 के करीब है और पांच वार्डो में नौ सौ के करीब मतदाता हैं। इसके बावजूद स्वास्थ्य सुविधाएं न होने से लोगों को छह किलोमीटर दूर जाकर बीमारियों का उपचार करवाना पड़ता है। लोगों ने कई बार पंचायत के माध्यम से सरकार को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए मांग की, लेकिन कोई सकारात्मक कार्रवाई आज तक नहीं हो पाई। पंचायत भवन में उपकेंद्र खोलने के लिए पंचायत राजी भी है। स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए हर गांव में स्वास्थ्य उपकेंद्र खोले गए हैं, लेकिन धलूं गांव में आज तक यह सुविधा नहीं है। कुफर में स्थित उपकेंद्र पटियालकर पंचायत में पड़ता है।
-आशा देवी, प्रधान धलूं पंचायत। गांव के लोगों को छोटी-छोटी बीमारियों के लिए या तो तीन किलोमीटर पटियालकर स्थित उपकेंद्र जाना पड़ता है या फिर निजी क्लीनिकों की ओर रुख करना पड़ता है।
-सुनील कुमार। सरकार को हर गांव में स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की मुहिम के तहत धलूं गांव में स्वास्थ्य उपकेंद्र खुलवाने की पहल करनी चाहिए।
-मधुबाला। कई बार पंचायत के माध्यम से स्थानीय विधायक को भी प्रस्ताव भेज कर गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने की गुहार लगाई गई, लेकिन आज तक कोई सकारात्मक कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई।
-अक्षय कुमार। इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। यदि गांव में ऐसी समस्या है तो इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री को लिखा जाएगा।
-अरुण मेहरा, विधायक नगरोटा बगवां।