राजनीतिक सिफारिश पर किया हेड टीचर का तबादला रद

राजनीतिक सिफारिश पर किए गए हेड टीचर के तबादले को प्रदेश उच्च न्यायालय ने रद कर दिया है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने प्रार्थी की याचिका को स्वीकार करते हुए यह फैसला बाबू राम की याचिका में दिए फैसले के आधार पर सुनाया है।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Wed, 08 Sep 2021 11:02 PM (IST) Updated:Wed, 08 Sep 2021 11:02 PM (IST)
राजनीतिक सिफारिश पर किया हेड टीचर का तबादला रद
हाईकोजर्ट ने राजनीतिक सिफारिश पर किया तबादला आदेश रद।

शिमला, विधि संवाददाता। राजनीतिक सिफारिश पर किए गए हेड टीचर के तबादले को प्रदेश उच्च न्यायालय ने रद कर दिया है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने प्रार्थी की याचिका को स्वीकार करते हुए यह फैसला बाबू राम की याचिका में दिए फैसले के आधार पर सुनाया है।

राजकीय प्राथमिक पाठशाला गिरि सुंदरनगर के हेड टीचर ने तबादला आदेश को चुनौती दी थी। प्रार्थी का नाचन के विधायक विनोद कुमार की सिफारिश पर राजकीय विद्यालय सहगल में तबादला किया गया था। सुनवाई के दौरान मामले के रिकार्ड से पता चला कि विधायक ने एक पत्र को मुख्यमंत्री भेजा था। इसमें 10 कर्मचारियों के तबादले की सिफारिश की गई थी। इसके बाद सभी तबादलों को मंजूरी दे दी थी। तबादला आदेश रद कर अदालत ने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधि किसी कर्मचारी का वास्तविक और ठोस कारणों से स्थानांतरण प्रस्ताव कर सकता है लेकिन प्रशासनिक विभाग के अधिकार को हथियाना उसके क्षेत्राधिकार में नहीं आता है।

डीसी कुल्लू गुरु ग्रंथ साहिब भुंतर की संपत्ति के केयर टेकर व रिसीवर नियुक्त

गुरु ग्रंथ साहिब भुंतर (कुल्लू) के स्वामित्व वाली संपत्ति की रक्षा और सुरक्षा की दृष्टि से प्रदेश उच्च न्यायालय ने उपायुक्त कुल्लू को संपत्ति का केयर टेकर व रिसीवर नियुक्त किया है। दो दशक से अधिक पुरानी दीवानी अपील का निर्णय करते हुए कोर्ट ने संपत्ति के प्रबंधन पर अधिकार का दावा करने वाले पक्षकारों को दो सप्ताह के भीतर संबंधित संपत्ति को उपायुक्त को सौंपने के आदेश दिए।

न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर ने उपायुक्त को आदेश दिया कि वह सिख विद्वानों की सहायता से उस परिधि का उचित रखरखाव सुनिश्चित करें, जिसमें पवित्र ग्रंथ हैं। अदालत ने उन्हें यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सिख समॢपत धर्म पालन से विधिपूर्वक नियमित अनुष्ठान जारी रहे। इसके अलावा वह इनके नियमित अॢजत राजस्व का लेखा-जोखा व दिए जाने वाले वेतन का पूरा हिसाब भी रखें। यह भी निर्देश दिया कि संपत्ति की आय से सिख सेवादारों/विद्वानों की सहायता से पवित्र तीर्थ का भविष्य में जीर्णोद्धार किया जाए। वर्ष 1997 से संबंधित अपील का निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने उक्त आदेश पारित किए।

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