कुछ करने जुनून होना है तभी मिलेगी सफलता : अजय ठाकुर
भाषा कला संस्कृति अकादमी के साहित्य कला संवाद की 431वीं कड़ी में परशुराम अर्जुन अवार्ड पद्मश्री से सम्मानित भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान अजय ठाकुर ने कहा कि कुछ विशेष करने का जुनून होना चाहिए। तभी जीवन में सफलता मिलती है।
शिमला, जागरण संवाददाता। भाषा कला संस्कृति अकादमी के साहित्य कला संवाद की 431वीं कड़ी में परशुराम, अर्जुन अवार्ड, पद्मश्री से सम्मानित भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान अजय ठाकुर ने कहा कि कुछ विशेष करने का जुनून होना चाहिए। तभी जीवन में सफलता मिलती है। युवा अपने भीतर ऐसा जुनून पैदा कर आगे बढ़ें। विषम परिस्थितियों पर भी विचलित न होकर आगे बढ़े।
उन्होंने बताया कि विश्व कप शुरू होने से मात्र 25 दिन पहले भाई के साथ हुई घटना ने उन्हें पूरी तरह तोड़ दिया। उन्हें लगा कि यही वो परिस्थितियां है, जिसमें मनुष्य के धैर्य और आत्मविश्वास की परीक्षा होती है। यहीं से संबल प्राप्त कर खेल के मैदान में जा पहुंचे। अजय ठाकुर ने विनम्र भाव से चर्चा के दौरान विभिन्न सवालों का जवाब दिया। खेल से हटकर अपने सेवाकाल के अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि इंडियन नेवी और एयर इंडिया के बाद अब हिमाचल आकर आनंदपूर्ण जीवन जी रहे हैं। इंडियन नेवी के अंतर्गत जिस तरह के अनुभवों से उन्हें गुजरना पड़ा, उससे देश के जवानों की सेवाओं को देख उनके प्रति सेल्यूट तो बनता है।
अजय ठाकुर ने अपनी समग्र सफलता का श्रेय अपने माता-पिता तथा स्वजन को दिया। उन्होंने कहा कि नि:संदेह उनके प्रेरणास्रोत उनके पिता रहे हैं जिन्होंने दो पुत्रों के पैदा होते ही सोचा था कि उनका एक बेटा देश के लिए खेलेगा। बड़े होने पर जब यह बात अजय के समझ आई तो उन्होंने भी पिता के इस सपने को पूरा करने का निश्चय किया और विषम परिस्थितियों से समझौता करते हुए आगे बढ़ते रहे।
उन्होंने कहा कि कहा कि हम सभी बड़ों को आने वाली पीढ़ी को सही दिशा-निर्देश देते हुए उन्हें उनकी अभिरूचि के अनुरूप प्रेरित करते हुए प्रोत्साहित भी करना चाहिए। अकादमी सचिव डॉ. कर्म सिंह ने स्वागत संबोधन से संवाद आरंभ किया। डीएसपी अभिमन्यु वर्मा ने संपूर्ण कार्यक्रम का सफल संचालन किया तथा हितेंद्र शर्मा द्वारा अजय ठाकुर की उपलब्धियों भरी विशेषताओं को चित्रांकित कर कार्यक्रम का संयोजन किया गया।