बिना मुखिया चल रहे हिमाचल के आधे कालेज, तीन साल से नहीं हुई प्रधानाचार्य के पद पर डीपीसी, जानें क्या है वजह

हिमाचल के आधे से ज्यादा कॉलेज बिना प्रधानाचार्यों के ही चल रहे हैं। पिछले तीन साल से कालेज प्रधानाचार्य के पद के लिए डीपीसी यानि विभागीय पदोन्नति कमेटी की बैठक ही नहीं हुई है। कालेज प्राध्यापक सरकार व विभाग के समक्ष यह मामला उठा रहे हैं।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 10:45 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 10:45 PM (IST)
बिना मुखिया चल रहे हिमाचल के आधे कालेज, तीन साल से नहीं हुई प्रधानाचार्य के पद पर डीपीसी, जानें क्या है वजह
हिमाचल के कई कालेज बिना मुखिया के चल रहे हैं, एेसे में इसका असर पढ़ाई पर भी पड़ेगा।

शिमला, जागरण संवाददाता। हिमाचल के आधे से ज्यादा कॉलेज बिना प्रधानाचार्यों के ही चल रहे हैं। पिछले तीन साल से कालेज प्रधानाचार्य के पद के लिए डीपीसी यानि विभागीय पदोन्नति कमेटी की बैठक ही नहीं हुई है। कालेज प्राध्यापक सरकार व विभाग के समक्ष यह मामला उठा रहे हैं। लेकिन विभाग कोर्ट केस का हवाला देकर हर बार उनकी मांग को टाल देता है। हालत ये है कि प्रदेश के 138 कॉलेजों में से 66 कॉलेज ऐसे हैं जिनमें प्रधानाचार्य नहीं है। 19 कालेजों में अस्थायी व्यवस्था अपनाते हुए कार्यकारी प्रधानाचार्य लगाए हैं। इन्हें काम प्रधानाचार्य का दिया गया है लेकिन वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। दूसरे इन शिक्षकों को प्रधानाचार्य का कार्यभार देखने के साथ रूटीन की कक्षाएं भी लेनी पड़ती है। 10 कॉलेज ऐसे हैं जिनमें प्रधानाचार्य दिसंबर महीने तक सेवानिवृत्त होने वाले हैं। यदि विभाग पदोन्नति की सूची जल्द जारी नहीं करता तो कालेज प्रधानाचार्य के बिना ही हो जाएंगे। सरकार की अनदेखी के चलते कॉलेज प्राध्यापकों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। पिछले एक सप्ताह से कॉलेज प्राध्यापक काले बिल्ले लगाकर डयूटी दे रहे हैं। दो दिनों तक उन्होंने मूल्यांकन का बहिष्कार भी किया था। शिक्षकों ने अपने आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी है। शिक्षकों की चेतावनी के बाद विभाग ने मंगलवार को एक सर्कुलर निकाला है। इसमें दो दिनों के भीतर कॉलेजों से पदोन्नति के लिए सारा रिकार्ड मांगा है। निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग ने कॉलेज ब्रांच को पदोन्नति पैनल तैयार करने के निर्देश दिए हैं। विभाग का दावा है कि अगस्त महीने के दूसरे सप्ताह तक पदोन्नति की सूची जारी कर दी जाएगी।

विभाग की अनदेखी से ग्रेङ्क्षडग पर पड़ेगा असर

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने बजट के लिए ग्रेङ्क्षडग की शर्त लगाई हुई है। नैक ए, बी और सी ग्रेड के हिसाब से बजट देता है। ग्रेङ्क्षडग के लिए सबसे पहली शर्त पूरा स्टाफ होना चाहिए। प्रधानाचार्य का पद सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। नैक की टीम जब कॉलेजों के निरीक्षण के लिए आती है तो प्रधानाचार्य ही टीम के साथ रहता है। जब कॉलेजों में प्रधानाचार्य ही नहीं है तो उनका ग्रेड गिरना स्वभाविक है।

दो दिनों में रिकार्ड भेजने को कहा है: निदेशक

निदेशक उच्चतर शिक्षा डॉ. अमरजीत शर्मा ने कहा कि कालेजों को दो दिनों के भीतर रिकार्ड भेजने को कहा गया है। रिकार्ड आने के बाद पदोन्नति के लिए पैनल तैयार किया जाएगा। यह पैनल तैयार कर सरकार को भेजा जाएगा। जल्द ही पदोन्नति की सूची जारी कर दी जाएगी।

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