मेहनत पर पानी, अरमानों पर ओले
जागरण टीम जसूर/योल/पालमपुर/कांगड़ा बेमौसमी बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया
जागरण टीम, जसूर/योल/पालमपुर/कांगड़ा : बेमौसमी बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। साथ ही उनके अरमानों पर ओले भी गिरे हैं। जसूर, योल, पालमपुर व कांगड़ा में गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। कांगड़ा क्षेत्र में काटी गई गेहूं की फसल खेतों में भीग गई है। खनियारा व योल में ओलावृष्टि से गेहूं, जौ व अन्य फसलें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। लगातार हो रही बारिश से आलू की फसल खेतों में सड़ने की कगार पर पहुंच गई है।
जिले में करीब 94 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल उगाई जाती है। करीब 34 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुविधा है और शेष क्षेत्र बारिश पर निर्भर है। इस बार सर्दियों के मौसम में बारिश न होने से गेहूं की फसल 15 दिन पहले ही पक गई है और अब लगातार बिगड़ रहा मौसम किसानों के लिए आफत बना है।
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सूखे के कारण फसल 15 दिन पहले ही तैयार हो गई है। करीब 80 फीसद फसल खेतों में तैयार है लेकिन बारिश के कारण काटने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
-सरदार सिंह पठानिया
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बारिश से फसल कटाई का काम बाधित हो गया है। कटाई के दौरान मिट्टी भी साथ आएगी और इससे अनाज के साथ-साथ तूड़ी पर भी असर पड़ेगा।
-तरसेम मिन्हास
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अप्रैल माह में हुई बारिश बागवानी के लिए लाभदायक साबित होगी। आम, लीची व नाशपाती आदि फलों को लाभ मिलेगा। गेहूं की फसल को नुकसान होगा।
-अमित पठानिया
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बारिश आम, लीची, नींबू व अन्य सब्जियों के लिए टॉनिक से कम नहीं है। गेहूं व आलू की फसल के लिए यह नुकसानदायक साबित हो रही है।
-सुरेश पठानिया
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जिले के असिचित क्षेत्रों में सूखे के कारण गेहूं की फसल को 12.5 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। क्रॉप कटिग के दौरान हो रहे नुकसान का आकलन किया जा रहा है और इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी।
-डाक्टर पीसी सैनी, कृषि उपनिदेशक कांगड़ा