स्टोन क्रशर स्‍थापित करने के विरोध में गुगलैहड़ में ग्रामीणों का प्रदर्शन, दूसरे दिन भी धरने पर बैठे लोग

Stone Crusher उपमंडल गगरेट के गुगलैहड़ गांव में निर्माणाधीन स्टोन क्रशर का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। लगातार दूसरे दिन भी ग्रामीण स्टोन क्रशर के निर्माण के विरोध में धरने पर डटे हैं।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 12:34 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 12:34 PM (IST)
स्टोन क्रशर स्‍थापित करने के विरोध में गुगलैहड़ में ग्रामीणों का प्रदर्शन, दूसरे दिन भी धरने पर बैठे लोग
उपमंडल गगरेट के गुगलैहड़ गांव में निर्माणाधीन स्टोन क्रशर का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है।

गगरेट, संवाद सूत्र। उपमंडल गगरेट के गुगलैहड़ गांव में निर्माणाधीन स्टोन क्रशर का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। लगातार दूसरे दिन भी ग्रामीण स्टोन क्रशर के निर्माण के विरोध में धरने पर डटे हैं। ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को प्रशासन से ऊना में मुलाकात करने गया था। वही रविवार को ग्रामीणों ने क्रशर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी। अब सोमवार को भी ग्रामीण और इस स्टोन क्रशर का निर्माण न किए जाने की मांग को लेकर विरोध कर रहे हैं।

गुगलैहड़ के ग्रामीणों का आरोप है  स्टोन क्रशर से गांव की आबादी की दूरी गलत मापी गई है। तहसीलदार द्वारा की गई निशानदेही भी सवालों के घेरे में है। ग्रामीण शशि पाल, कृष्ण कुमार, रजनीश कुमार, दीवान चंद, सरोज कुमारी ने बताया कि इस स्टोन क्रशर को लगाने के लिए गांव के लोगों को धोखे में रखकर एनओसी जारी की गई है।

उन्होंने बताया कि इस क्रशर के निर्माण से गांव गुगलैहड़ के वार्ड नंबर 5 लोगों का जीवन नर्क हो जाएगा। लोगों की कृषि योग्य भूमि बंज़र हो जाएगी तो वही सबसे बढ़ी समस्या जलस्तर को लेकर पैदा होगी। यहां इस क्रशर का निर्माण किया जा रहा है, उससे कुछ ही दूरी पर आबादी है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि तुरंत इस क्रशर की मंजूरी को रद किया जाए, नहीं तो ग्रामीण अपने परिजनों के साथ इसी स्थान पर धरने पर बैठेंगे। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन व कुछ नेताओं के सहयोग से ही इस क्रशर का निर्माण तय नियमों के विपरीत किया जा रहा है।

जिला परिषद सदस्य रजनी देवी ने कहा अधिकारी दबाव में काम कर रहें हैं। ग्रामीणों की आवाज को दबने नहीं दिया जाएगा। क्रशर जनता की सहमति के बिना नहीं लगना चाहिए। कुछ लोग इस मामले में पर्दे के पीछे रहकर अपनी रोटियां सेक रहे हैं। जनता देख रही है खनन माफिया को कौन संरक्षण दे रहा है।

क्रशर के मालिक संदीप सिंह का कहना है कि उन्होंने सारी औपचारिकताएं पूरी करने व सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू किया है।

chat bot
आपका साथी