बाली बोले-हिमाचली बेरोजगार, अन्य राज्य के लोगों को नौकरियां बांट रही सरकार
जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार बिहार और उत्तर प्रदेश के युवाओं को नौकरियां बांट रही है। गैर हिमाचलियों को नौकरियां दी जा रही हैं जबकि यहां हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारों की लाइनें लगी हुई हैं। प्रदेश सरकार और प्रदेश के मंत्री हिमाचल की ओर नहीं देख रहे।
कांगड़ा, संवाद सहयोगी। जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार बिहार और उत्तर प्रदेश के युवाओं को नौकरियां बांट रही है। गैर हिमाचलियों को नौकरियां दी जा रही हैं जबकि यहां हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारों की लाइनें लगी हुई हैं। प्रदेश सरकार और प्रदेश के मंत्री हिमाचल की ओर नहीं देख रहे। हिमाचली हितों को दरिकनार कर गैर हिमाचली लोगों को नौकरी देना प्रदेश के युवाओं के साथ कुठाराघात है। ये आरोप पूर्व मंत्री जीएस बाली ने जयराम सरकार पर लगाए।
जीएस बाली ने कहा कि एक तो प्रदेश में बेरोजगारी है ऊपर से नौकरी दी तो वह भी गैर हिमाचली लोगों को। यह हिमाचली लोगों के साथ अन्याय है। जयराम सरकार बताए क्या हिमाचल के युवा इतने भी योग्य नहीं दिख रहे कि भाजपा सरकार उनको अपने प्रदेश में नौकरी दे सके। पूर्व मंत्री ने कहा कि महंगाई चरम पर पहुंच चुकी है। लोगों को दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना मुश्किल हो रहा है।
भाजपा जो भी वादे जनता से करके सत्ता में आई थी वह पूरे नहीं हो सके। आज हालात यह हैं कि जनता त्राहि-त्राहि कर रही है, लेकिन सरकार का इसकी ओर कोई ध्यान ही नहीं है। उन्होंने कहा कि आज नौकरियां निकालने के नाम से सरकार बेरोजगारों से फीस के नाम पर लाखों-करोड़ों इकठ्ठा कर रही है जबकि उन्होंने अपनी सरकार में बेरोजगारी भत्ता चालू करवाया था, जिसके लिए अलग से बजट का प्रविधान भी किया था, जिसे जयराम सरकार ने बंद कर दिया। सरकार बेरोजगारों से रोजगार कमाने में लगी है, लेकिन रोजगार देने की नीयत सरकार की नहीं लगती।
करों के बोझ तले दबी जनता : सुदर्शन
प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर कांग्रेस प्रवक्ता सुदर्शन ने सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश की भोली भाली जनता के साथ जीएसटी, एकमुश्त कर एक देश एक कर की बजाय एजीटी, ईजीटी, सीजीसीआर जिनमें मुख्यता अतिरिक्त माल एवं भाड़ा कर के रूप में सीमेंट प्रति बैग सात रुपये, 50 पैसे, सरिया पर 37 रुपये प्रति टन व अन्य वस्तुओं पर भी जजिया कर के रूप में लिया जा रहा है जबकि देश के किसी भी राज्य में एकमुश्त जीएसटी एक देश एक कर की तर्ज के रूप में लिया जाता है, लेकिन हिमाचल सरकार की ओर से जीएसटी के साथ तीन अलग एजीटी, व अन्य कर उगाहे जाते हैं जो कि जनहित में नहीं है। प्रदेश के व्यापारी वर्ग में चिंता है क्योंकि प्रदेश के बार्डर पर अकसर देखा जाता है कि हिमाचल प्रदेश के व्यापारी की सेल अन्य राज्यों से कम आंकी जाती है जो कि प्रदेश हित में नहीं है। पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने मात्र पेट्रोलियम, शराब पर जीएसटी लेने के लिए राज्य सरकारों को अधिकृत किया है जबकि हिमाचल प्रदेश की ओर से अन्य वस्तुओं पर जीएसटी की बजाय कर उगाना जनता के साथ धोखा है।