विधानसभा सत्र के लिए सरकार टैक्सी यूनियन से ले वाहन, पदाधिकारियों ने सीएम को पत्र लिखकर उठाई मांग
Taxi Union Dharamshala विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए सरकारी विभागों की अोर से जो टैक्सी किराये पर लेनी हैं वो टैक्सी यूनियन के माध्यम से ली जाएं। जिससे बेरोजगारी के इस दौर में टैक्सी ऑपरेटर्स को कुछ काम-धंधा मिल सके।
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। कोविड-19 के कारण टैक्सी व्यवसाय से जुड़े लोगों को इस समय बहुत अधिक परेशानी हो रही है। टैक्सी ऑपरेटर्स ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र भेजकर अाग्रह किया है कि हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र धर्मशाला (तपोवन) में प्रस्तावित है। ऐसे में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए सरकारी विभागों की अोर से जो टैक्सी किराये पर लेनी हैं वो टैक्सी यूनियन के माध्यम से ली जाएं। जिससे बेरोजगारी के इस दौर में टैक्सी ऑपरेटर्स को कुछ काम-धंधा मिल सके। अभी तक हर विभाग अपने-अपने ढंग से पूर्व से चली आ रही व्यवस्था के तहत टैक्सी किराये पर ले रहे हैं, जिससे एक ऑपरेटर को तो काम मिल जा रहा है, जबकि शेष ऑपरेटर्स के पास कोई काम नहीं है। ऐसे में पंजीकृत यूनियन से टैक्सी किराये पर लेने से टैक्सी ऑपरेटर्स को राहत मिलेगी। इसके अतिरिक्त टैक्सी ऑपरेटर्स की विभिन्न मांगें हैं, जिन्हें समय-समय पर परिवहन विभाग व सरकार के समक्ष उठाया गया है। लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हो रहा।
ट्रैक्सी अॉपरेटरों की ये हैं प्रमुख मांगें
हिमाचल प्रददेश में टैक्सी गाड़ियों का टोकन टैक्स पांच साल के लिए माफ किया जाए। टैक्सी गाड़ियों की किस्ते और इंश्योरेंस दो साल के लिए बिना किसी ब्याज के आगे बढ़ाई जाए। टैक्सी परमिट की अवधि बढ़ाई जाए। प्रतिवर्ष पासिंग पर लगने वाला ग्रीन टैक्स बंद किया जाए। टैक्सी गाड़ियों के टैक्स को सिंगल विंडो किया जाए। पूरे प्रदेश में जो निजी गाड़ियां टैक्सी के रूप में काम कर रही है, उन निजी गाड़ियों पर सख्ती से लगाम लगाई जाए। हिमाचल प्रदेश में सरकारी विभागों में जो गाड़ियां सेवाएं दे रही हें, वह केवल टैक्सी गाड़ियां लगाई जाएं और एक टैक्सी मालिक को केवल एक गाड़ी का टेंडर दिया जाए।
कमेटी ने दी आंदोलन की चेतावनी
ऑल कमर्शियल व्हीकल ज्वाइंट एक्शन कमेटी हिमाचल प्रदेश वाइस चेयरमैन प्रेम सूद का कहना है समस्याओं को बार-बार सरकार और प्रशासन के समक्ष उठाते रहे हैं। लेकिन टैक्सी ऑपरेटर्स की किसी भी मांग पर अभी तक सरकार ने कोई भी संज्ञान नहीं लिया है। मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि समस्याओं का जल्दी से जल्दी समाधान करने की कृपा करें, अन्यथा प्रदेश स्तर पर आंदोलन करने के लिए विवश होंगे। प्रदेश के टैक्सी ऑपरेटरों की माली हालत बहुत अधिक खराब हो चुकी है और सभी टैक्सी ऑपरेटार्स के पास सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के अलावा और कोई भी विकल्प शेष नहीं रह गया है।