जेबीटी भर्ती मामला : कानूनी राय के बाद कोर्ट जाएगी सरकार

हिमाचल में जेबीटी की भर्ती को लेकर उपजे विवाद और प्रशिक्षुओं के विरोध के बाद प्रदेश सरकार हरकत में आ गई है। शिक्षा विभाग ने इस मामले का पूरा प्रस्ताव तैयार कर विधि विभाग को भेजा है। विधि विभाग से कानूनी राय मांगी गई है।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 10:50 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 10:50 PM (IST)
जेबीटी भर्ती मामला : कानूनी राय के बाद कोर्ट जाएगी सरकार
जेबीटी भर्ती मामला : कानूनी राय के बाद कोर्ट जाएगी सरकार।

शिमला, जागरण संवाददाता। हिमाचल में जेबीटी की भर्ती को लेकर उपजे विवाद और प्रशिक्षुओं के विरोध के बाद प्रदेश सरकार हरकत में आ गई है। शिक्षा विभाग ने इस मामले का पूरा प्रस्ताव तैयार कर विधि विभाग को भेजा है। विधि विभाग से कानूनी राय मांगी गई है। पूछा है कि जेबीटी प्रशिक्षुओं को सरकार किस तरह राहत दे सकती है। सूत्रों के अनुसार विभाग ने जो प्रस्ताव तैयार किया है उसके अनुसार सरकार जेबीटी मामले को लेकर सीधे सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर नहीं करेगी। पहले हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी। यदि हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलती तभी सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी। सोमवार को इसकी फाइल विधि विभाग को भेजी गई है।

कानूनी राय आने बाद विभाग इसी सप्ताह इसको लेकर कोर्ट जाएगा। जेबीटी बनाम बीएड केस में राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद विभाग ने यह प्रस्ताव तैयार किया है। पहले सरकार सीधे सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में थी। शिक्षा विभाग के अनुसार राजस्थान हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि प्राइमरी कक्षाओं के लिए बीएड पर्याप्त एजुकेशनल पात्रता नहीं है। एनसीटीई ने भी अपने निर्देश में साफ कहा है कि बीएड डिग्रीधारक भी वही पात्र होंगे, जब छह माह का ब्रिज कोर्स किया जाएगा। राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है ब्रिज कोर्स इन सर्विस ट्रेनिंग नहीं है, इसलिए बीएड डिग्री प्राइमरी कक्षाओं के लिए पूरी योग्यता नहीं मानी जा सकती। हिमाचल प्रदेश जेबीटी डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष अभिषेक ठाकुर ने कहा कि सोमवार से सभी प्रशिक्षुओं ने कक्षाएं लगाई। सरकार ने आश्वासन दिया है कि वह उनका केस लड़ेगी। इसके बाद आंदोलन को वापस ले लिया है।

40 हजार युवाओं से जुड़ा मामला, भर्ती में होगी देरी

प्रदेश में 40 हजार युवाओं ने जेबीटी और डीएलएड डिप्लोमा किया हुआ है। वे काफी समय से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। अब कोर्ट में मामला फिर जाने से भर्ती प्रक्रिया में देरी होगी। सरकार फिलहाल भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में कोई बदलाव नहीं करेगी। भर्ती एवं पदोन्नति नियमों की उधेड़बुन के कारण शिक्षा विभाग जेबीटी (कनिष्ठ बुनियादी शिक्षकों) की भर्ती नहीं कर पाया। इस कारण डिप्लोमाधारक बेरोजगारों की संख्या साल दर साल बढ़ती रही। प्रशिक्षुओं ने इसको लेकर प्रदेशभर में आंदोलन छेड़ रखा था। शिमला में भी इसको लेकर प्रदर्शन किया था। आठ दिन तक सभी डाइट में कक्षाओं का बहिष्कार किया था।

क्या कहा था हाईकोर्ट ने

प्रदेश हाईकोर्ट ने याचिकाओं को स्वीकारते हुए प्रदेश सरकार को आदेश दिए हैं कि वह 28 जून, 2018 की एनसीटीई की अधिसूचना के अनुसार जेबीटी भर्ती के लिए नियमों में जरूरी संशोधन करे। कोर्ट के इस फैसले से अब जेबीटी पदों के लिए बीएड डिग्रीधारक भी पात्र होंगे।

chat bot
आपका साथी