पठानकोट-मंडी फाेरलेन प्रभावितों के भवनों को दिया जा रहा बहुत कम मुआवजा, सरकार को भेजा जाएगा ज्ञापन
पठानकोट-मंडी फाेरलेन परियोजना का कार्य लंबे समय से चल रहा है। पांच भागों के हाेने वाले निर्माण कार्य में कंडवाल से लेकर सियुणी तक का भूमि अधिग्रहण का कार्य भी प्रशासन ने लगभग पूरा कर लिया है। एसडीएम नूरपुर अनिल भारद्वाज से उनके कार्यालय में मिला।
जसूर, संवाद सहयोगी। पठानकोट-मंडी फाेरलेन परियोजना का कार्य लंबे समय से चल रहा है। पांच भागों के हाेने वाले निर्माण कार्य में कंडवाल से लेकर सियुणी तक का भूमि अधिग्रहण का कार्य भी प्रशासन ने लगभग पूरा कर लिया है।
फोरलेन संघर्ष समिति का एक शिष्टमंडल शनिवार को नूरपुर में भू मुआवजा अधिकारी व एसडीएम नूरपुर अनिल भारद्वाज से उनके कार्यालय में मिला तथा उनके समक्ष पठानकोट-मंडी फोरलेन परियोजना के कारण प्रभावितों के समक्ष आ रही कठिनाइयों के बारे में अवगत करवाया। समिति के अध्यक्ष दरबारी सिंह तथा महासचिव विजय सिंह हीर द्वारा इस बारे जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में एक ही मुहाल के लिए व एक ही जमीन के लिए विभिन्न दरों से मुआवजा देने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया।
इसके अतिरिक्त उन्हें बताया गया कि अभी तक जो सूचना प्राप्त हुई है। उसके मुताबिक अधिग्रहण करने को लेकर सभी तैयार हें, लेकिन अब पता चल रहा है कि जिन लोगों की भूमि अधिग्रहित की हैं, उन्हें भूमि उनके भवन के मुकाबले बहुत ही कम मुआवजा दिया जाएगा। समिति द्वारा संबंधित अधिकारी को बताया गया कि वर्तमान में निर्माण सामग्री तथा जमीनों की कीमतों में भारी वृद्धि हो चुकी है। जिसके चलते फोरलेन प्रभावित लोगों के लिए नया आशियाना बनाना काफी मुश्किल होगा।
अगर यह मुआवजा न्याय पूर्ण ढंग से नहीं दिया जाता तो उजड़ने जा रहे लोगों का पुनः पुनर्वास किया जाना असंभव हो जाएगा। इसलिए सरकार भूमि व भवनों का मुआवजा उचित ढंग से करे। समिति के अनुसार अपनी मांगों को लेकर जल्दी ही एक ज्ञापन सरकार को भेजा जाएगा। समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि एसडीएम व भू मुआवजा अधिकारी ने उनकी आवाज सरकार तक पहुंचाने तथा किसी भी जानकारी को मांगने पर पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिलाया है।
इस शिष्टमंडल में सुभाष पठानिया, राम चंद्र शास्त्री, सुदर्शन शर्मा, भारत भूषण, बलदेव पठानिया सुखदेव गुलेरिया, सुरजीत सिंह, सरदार सिंह पठानिया व जुगल किशोर आदि शामिल रहे।