दो नदियों के बीच स्थित मंड की सुध नहीं लेती सरकार, आज तक नहीं हुआ पक्‍के पुल का निर्माण

इंदौरा का मंड क्षेत्र जिसके साथ सरकारे विकास को लेकर भेदभाव ही करती आई है। मंड क्षेत्र में दस पंचायतें पड़ती हैं और दो नदियों के मध्य स्थित है। आज तक इस क्षेत्र को आपस में जोड़ने के लिए सरकारें पक्के पुलों का निर्माण नहीं करवा सकी है।

By Richa RanaEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 03:19 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 03:19 PM (IST)
दो नदियों के बीच स्थित मंड की सुध नहीं लेती सरकार, आज तक नहीं हुआ पक्‍के पुल का निर्माण
आज तक इस क्षेत्र को आपस में जोड़ने के लिए सरकारें पक्के पुलों का निर्माण नहीं करवा सकी है।

मुकेश सरमाल, भदरोआ। विधानसभा क्षेत्र इंदौरा का मंड क्षेत्र जिसके साथ सरकारे विकास को लेकर भेदभाव ही करती आई हैं। मंड क्षेत्र में दस पंचायतें पड़ती हैं और दो नदियों के मध्य स्थित है। आज तक इस क्षेत्र को आपस में जोड़ने के लिए सरकारें पक्के पुलों का निर्माण नहीं करवा सकी है। जिसका खामियाजा हर वर्ष बरसात के मौसम में मंड वासियों को भुगतना पड़ता है।

अगर बात की जाए संपर्क मांगों की तो उलेहडिया से मंड मियानी, तेयोडा से मंड मझवाह, ठाकुरद्वारा से मलकाना ओर वरोटा से पराल संपर्क मार्ग है। यहां पर पड़ती नदी पर स्थानीय लोगों ने अपने खर्चे पर अस्थायी तौर पर पुलियों का निर्माण कर आवाजाही के लिए पुल बनाए हुए है। पर सरकारें आज तक इनमें से एक भी संपर्क मार्ग पर पक्का पुल नहीं बना सकी है। इस 12 किलोमीटर पड़ते क्षेत्र में मंड को पंजाब क्षेत्र से ओर पंजाब के साथ लगती पंचायतों को आपस में जोड़ने के लिए मात्र एक ही पुल जिसका निर्माण शाहनहर विभाग द्वारा अपनी नहरों को बनाते समय सामान को आर पार ले जाने के लिए किया गया था।

25 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ रहा

इस क्षेत्र में मात्र एक यही पुल जनता का सहारा है। जिसे ठाकुरद्वारा से मलकाना जाने के लिए दो किलोमीटर का सफर लगता है अब हर संपर्क मार्ग वह जाने से वो 25 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ रहा है।लोगो द्वारा बनाए गए अस्थाई पुल वह गए है और लोगो अपनी जान को जोखिम में डालकर पानी को पार कर अपने गंतव्य को जा रहे है पर विभाग अपनी मशीनरी लगाकर रास्ते बहाल करने में असमर्थ दिख रहा है।

यह बोले कांग्रेस इंदौरा के उपाध्यक्ष

ठाकुरद्वारा पंचायत के उपप्रधान ओर इंदौरा कांग्रेस के उपाध्यक्ष राणा प्रताप सिंह ने बताया कि मंड का जीवन को काले पानी जैसा है। बीते वर्ष सरकार ने लगभग 17 लाख रुपये की लागत से ब्यास नदी पर लगभग एक दर्जन पाइपें डालकर रास्ते का निर्माण किया पर वो भी वह गया। उन्होंने कहा कि मंड की जनता ने विभाग से बार बार आग्रह किया था कि पाइपें डालने की जगह पक्की कंक्रीट की स्लैपों का निर्माण किया जाए पर विभाग ने फिर भी पाइपें डालकर ओर दोनों तरफ नदी से ही निकाले गए पत्थरों की कच्ची धुंसीयों का निर्माण करवा दिया और आज पाइपो को कचरा आदि फस जाने से पानी का निकास पूरी तरह से बंद हो गया है और पानी ने अपना अलग रास्ता बनाते हुए किसानों की धान, तिलहन आदि की फसल को नष्ट कर दिया है। समस्या को देखते हुए आज फिर स्थानीय लोग ही विभाग द्वारा बनाए गए पुल की साफ सफाई और मुरमत करने में जुटे हुए है ताकि आवाजाही के लिए रास्ता बहाल किया जा सके।

यह बोले लोक निर्माण विभाग के जेई

इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के जेई गणेश कुमार से वात की गई तो उन्होंने कहा कि कल जेसीवी मशीन भेजकर पुल को ठीक करवा दिया जाएगा।

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