बेरोजगारों के मानवाधिकार का 20 सालों से हो रहा उल्लंघन

हिमाचल प्रदेश बेरोजगार अध्यापक संघ ने आनलाइन बैठक की। सरकार बेरोजगारों को गुमराह करने के लिए पहले संविधान के अनुसार कानून बनाती है और फिर उनके संवैधानिक हक छीनने के लिए इन कानूनों पर अमल नहीं करती। बेरोजगारों के मानवाधिकारों का पिछले बीस साल से उल्लंघन हो रहा है।

By Richa RanaEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 03:18 PM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 03:18 PM (IST)
बेरोजगारों के मानवाधिकार का 20 सालों से हो रहा उल्लंघन
बेरोजगारों तथा इनके परिवारों के मानवाधिकारों का पिछले बीस साल से उल्लंघन हो रहा है।

ज्वालामुखी, जागरण संवाददाता। हिमाचल प्रदेश बेरोजगार अध्यापक संघ ने आनलाइन बैठक की। जिसमें संघ के प्रदेशाध्यक्ष  कुलदीप सिंह मनकोटिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय सिंह, उपाध्यक्ष संजय राणा, अजय रत्न, अतिरिक्त महासचिव लेख राम, सचिव स्वरुप कुमार, मुख्य संगठन सचिव पुरुषोत्तम दत्त, वित्त सचिव संजीव कुमार, प्रेस सचिव प्रकाश चंद,  संगठन सचिव यतेश शर्मा, हरिंद्र पाल, आडिटर सुधीर शर्मा, रणयोध सिंह, जिलाध्यक्ष कांगड़ा निर्मल सिंह, जिलाध्यक्ष ऊना रजनी वाला, जिलाध्यक्ष बिलासपुर किशोरी लाल तथा जिलाध्यक्ष मंडी सुरेश कुमार  आदि ने भाग लिया। उन्होंने संयुक्त बयान में कहा कि सरकार बेरोजगारों को गुमराह करने के लिए पहले संविधान के अनुसार कानून बनाती है और फिर उनके संवैधानिक हक छीनने के लिए इन कानूनों पर अमल नहीं करती। परिणाम स्वरूप बेरोजगारों  तथा इनके परिवारों के मानवाधिकारों का पिछले बीस साल से उल्लंघन हो रहा है।

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