करुणामूलक आश्रितों की मांगों को सरकार कर रही अनदेखा: अजय कुमार

करुणामूलक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि करुणामूलक आश्रित लंबे समय से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। दिन प्रतिदिन आश्रितों की उम्रें निकलने के कारण आश्रित बाहर होते जा रहे है पर सरकार करुणामूलक आश्रितों को 15 सालों से अनदेखा करती आ रही है।

By Richa RanaEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 01:33 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 01:33 PM (IST)
करुणामूलक आश्रितों की मांगों को सरकार कर रही अनदेखा: अजय कुमार
करुणामूलक आश्रित लंबे समय से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं।

बडूखर, संवाद सूत्र। करुणामूलक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि करुणामूलक आश्रित लंबे समय से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। दिन प्रतिदिन आश्रितों की उम्रें निकलने के कारण आश्रित बाहर होते जा रहे है, पर सरकार करुणामूलक आश्रितों को 15 सालों से अनदेखा करती आ रही है। विभिन्न विभागों द्वारा स्क्रीनिंग कमेटी बैठाकर स्क्रीनिंग तो हो गयी है पर अभी तक सरकार द्वारा नियुक्तियां नही दी जा रही है।

जब भी करुणामूलक नौकरी बहाली का मुद्दा उठता है, तो थोड़ी बहुत हलचल होने के बाद मुद्दे को दवा दिया जाता है। एक तो इन आश्रितों ने अपने परिवारों का कमाने वाला मुखिया खोया है, जिसके कारण आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। वहीं दूसरी और कोरोना महामारी के इस दौर में इन परिवारों को बहुत ही मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। इनकी आर्थिक स्थिति डगमगाने के कारण इन परिवारों को महामारी के इस दोर में खाने पीने तक के लाले पड़ गए है। यहां बता दें कि संघ लंबे समय से करुणामूलक नौकरी बहाली के लिए संघर्ष कर रहा है। ऐसा कोई जनमंच नही बचा होगा, जहां पर करुणामूलक संघ ने गुहार नहीं लगाई होगी।

उन्होंने कहा कि चुनावों के दौरान करुणामूलक मुद्दा उठाया जाता है व जैसे ही चुनाव हो जाते है ये मुद्दा फिर दवा दिया जाता है। करुणामूलक आश्रितों को चुनाव के समय सिर्फ वोट बैंक का जरिया समझा जाता है। करुणामूलक संघ का कहना है कि आश्रितों की मांगों को अनदेखा न किया जाए, अन्यथा उनचुनावों व 2022 के चुनावों मे इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। करुणामूलक संघ का कहना है कि हम 4500 आश्रित परिवार नही बल्कि साढ़े चार लाख वोटर है और साढ़े चार लाख वोटर सरकार बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाते है।

करुणामूलक संघ ने सरकार को दो टूक शब्दों में कह दिया है कि करुणामूलक आश्रितों को जो पॉलिसी में आ रहे है उन्हें उपचुनाव से पहले अथवा आगामी कैबिनेट में वन टाइम सेटलमेंट देकर एक साथ नियुक्तियां दी जाए, वरना करुणामूलक परिवार सरकार के विपक्षी में खड़े होकर मिशन रिपीट को डिलीट करना शुरू कर देंगे।

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